जालंधर : पंजाब पुलिस के पब्लिक आऊटरीच प्रोग्राम ‘सहयोग’ का ज़मीनी स्तर पर और विस्तार करने के लिए पुलिस कमिश्नर ( सी. पीज) और सीनियर पुलिस सुपरडैंट ( एस. एस. पीज) की तरफ से गाँवों और मोहल्लों का दौरा करके पब्लिक मीटिंगें की जाएंगी, स्थानीय लोगों से फीडबैक ली जायेगी। इस पहलकदमी का उद्देश्य पुलिस और आम जनता के दरमियान फर्क को भरना है। जानकारी देते हुए डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने कहा कि दूसरे पड़ाव में सी. पीज/ एस. एस. पीज को पब्लिक मीटिंगें करने के लिए गाँवों और मोहल्लों का दौरा करने के निर्देश जारी किये गए हैं। इससे अधिकारियों को ज़मीनी स्तर की स्थितियों को समझने और पुलिस-पब्लिक संबंधों को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।यह पहलकदमी भाईचारक सांझ बढ़ाने और पुलिस के साथ लोगों के अनुभवों के बारे उनसे फीडबैक लेने संबंधी डीजीपी पंजाब द्वारा किये जा रहे ग्राउंड ज़ीरो टूर के अंतर्गत की गई है। डीजीपी आज जालंधर कमिशनरेट पुलिस की तरफ से उनके ‘सहयोग- पुलिस पब्लिक सांझ पहलकदमी’ प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर करवाई ज़िला स्तरीय पब्लिक मीटिंग को संबोधन कर रहे थे।डीजीपी गौरव यादव ने अलग- अलग क्षेत्रों के लोगों के साथ अनौपचारिक तौर पर बातचीत के दौरान शहर की अमन- कानून की स्थिति के बारे उनसे फीडबैक ली। डीजीपी ने उनके मसलों को हल करने का भरोसा दिया। इस मौके डीजीपी के साथ पुलिस कमिश्नर ( सीपी) जालंधर स्वप्न शर्मा भी मौजूद थे।उन्होंने इक्टठ को संबोधन करते हुये कहा पंजाब सरकार की तरफ से पुलिस विभाग में 10,000 नये पद पैदा करने का ऐलान किया गया है जिसके अंतर्गत आने वाले कुछ महीनों में जालंधर शहर के पुलिस बल में विस्तार किया जायेगा। इस दौरान उन्होंने सी. पी. जालंधर को शहर में ट्रैफ़िक के सुचारू प्रवाह के लिए अन्य हैड्डों से पुलिस बल निकाल कर ट्रैफ़िक विंग में शामिल करके विंग में पुलिस बल की संख्या दोगुनी करने की हिदायत की।साईबर धोखाधड़ी के बारे बात करते हुये डीजीपी ने ‘1930 साईबर हेल्पलाइन’ नंबर पर तुरंत अपराध की रिपोर्ट करने के लिए ‘गोल्डन आवर’ के अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए कहा, जिससे धोखेबाज़ की तरफ से साईबर पीड़ितों के खातों में से निकाले गए फंडों को तुरंत फ़रिज करने/ लियन मार्क करने में मदद मिलेगी।इसके उपरांत डीजीपी गौरव यादव ने आधुनिक तकनीक के साथ तैयार किये इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर ( आईसीसीसी) का भी दौरा किया। यह अपनी किस्म की पहली पहलकदमी है जिससे जालंधर कमिशनरेट पुलिस को शहर में लगाए गए कम से कम 6000 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी करने में मदद मिलती है।प्रौद्यौगिकी की महत्ता को उजागर करते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस को आधुनिक तकनीक के साथ लैस करके वह प्रीवैंटिव पुलिसिंग की तरफ ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।ज़िक्रयोग्य है कि आईसीसीसी, लोक सुरक्षा और कुशलता को बढ़ाने के लिए ट्रैफ़िक और पुलिस कंट्रोल रूम ( पीसीआर) यूनिटों को आपस जोड़ता है। इसके प्रभावशाली नतीजे सामने आ रहे हैं जिससे पीसीआर का रिस्पांस टायम 15 मिनट से कम कर सिर्फ़ 5 मिनट हो गया है। इस सैंटर ने एजेंसियों के बीच तालमेल को बेहतर बनाने, कुशलता बढ़ाने, आंकड़ों से आधारित फ़ैसले लेने और नागरिकों के लिए सिंगल- प्वाइंट रिपोर्टिंग प्रणाली में भी मदद की।इस मौके पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुये डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि नये कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ( बी. एन. एस. एस.) के मुताबिक सात साल या इससे अधिक की सजा वाले अपराधों के मामले में आपराधिक स्थान की वीडियो रिकार्ड करना लाज़िमी है और पंजाब पुलिस ई-साक्ष्य मोबाइल एप के प्रयोग के साथ वीडियो रिकार्ड की जा रही है।उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों से तरफ से 9171 मामलों में वीडियो रिकार्ड की गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि कुल वीडियो रिकार्डिंगों में से लगभग 70 फ़ीसद रिकार्डिंगें ई-साक्ष्य मोबाइल एप के द्वारा की गई हैं।डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस की तरफ से जुलाई 2022 में शुरू किये गए पीजीडी पोर्टल- आनलाइन जन शिकायत निवारण प्रणाली- को इसकी शुरुआत से अब तक भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक पोर्टल पर कम से कम 4.5 लाख शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 4.10 लाख शिकायतों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया है। पीजीडी पोर्टल ष् ूूू. चहक. चनदरंइचवसपबम. हवअ. पदष् के द्वारा नागरिक पुलिस स्टेशन जाये बिना अपनी शिकायत आनलाइन दर्ज करवा सकते हैं।डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस की ज़ीरो- टॉलरैंस नीति के अंतर्गत विभाग में ‘ब्लैक शिप’ के तौर पर जाने जाते भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ही ऐसा विभाग है जहाँ भ्रष्टचार में शामिल हर किसी को कानून का सामना करना पड़ेगा।इसके साथ ही डीजीपी ने पुलिस लाईनज़, जालंधर में नये बने गज़टिड अफसरज़ मैस का उद्घाटन भी किया।