जालंधर : देश की ऐतिहासिक और सबसे पुरानी दरगाहों में शामिल हजरत इमाम नासिर दरगाह की डेवलपमेंट को लेकर शुक्रवार मुस्लिम संगठन पंजाब की तरफ से डीसी विशेष सारंगल को ज्ञापन सौपा गया। नईम खान एडवोकेट ने बताया कि 1100 साल से पुरानी इस दरगाह का इतिहास अजमेर शरीफ स्थित दरगाह से भी 400 साल पुराना है। लेकिन अभी तक केंद्र और पंजाब के टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से इस दरगाह की डेवलपमेंट न करवाने के चलते यह ऐतिहासिक धरोहर लगातार खराब हो रही है। इस दरगाह में मुगलकालीन समय की नकाशी और बड़ी क्लॉक टावर लगा हुआ है, इसके अलावा अंदर बेहद पवित्र जगह है, जहां पर शेख बाबा फरीद जी 40 दिनों तक भक्ति कर चुके हैं। इतनी ऐतिहासिक जगह होने के बावजूद सरकार की तरफ से अभी तक इस जगह की डेवलपमेंट नहीं की गई, जिसे लेकर मुस्लिम संगठन पंजाब की तरफ से डीसी विशेष सारंगल के माध्यम से इस जगह की डेवलपमेंट करने की मांग को उठाया है। डीसी सारंगल ने कहा कि वह इस मामले पर प्रमुखता से काम करेंगे। पंजाब सरकार और आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के माध्यम से भी इमाम नासिर दरगाह की डेवलपमेंट करवाने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि वह दरगाह पर खुद जाएंगे और देखेंगे। इस मौके पर सैयद अली, सिकंदर शेख भी मौजूद है। गौर है कि इस दरगाह पर तीन दिनों तक फरवरी माह में उर्स करवाया जाता है, जिसमें देश सहित विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते थे। लेकिन ऐतिहासिक धरोहर की देखभाल न होने के चलते यह अपना अस्तित्व को रही है।