सनातन धर्म में काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2024) का बड़ा महत्व है। इस दिन लोग पूजा-पाठ करते हैं और उपवास रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का उपवास करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और अपने सभी भक्तों के कष्टों का अंत करते हैं।काल भैरव जयंती का दूसरा नाम कालाष्टमी है. भगवान शिव का क्रोधित या रुद्र रूप अवतार हैं बाबा काल भैरव. भैरव का अर्थ है, भय का हरण करने वाले, धार्मिक मान्यता है कि भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है.
जरूर करे इन चीजों का दान
कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काला तिल का दान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. काले तिल का दान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
लम्बे समय से कोई रोग दूर ना हो रहा हो तो इस दिन फल का दान करने से व्यक्ति को आरोग्य लाभ होता है और जीवन में बीमारी की समस्या से निजात मिलती है.
अगर हमेशा शत्रु बाधा का डर सताता है. तो कालास्टमी के दिन लोहे की वस्तुएं जैसे कि लोहे की कील, लोहे की चम्मच आदि का दान करना काफ़ी शुभ बताया गया है. इससे भैरव महाराज ख़ुश होते है और व्यक्ति को शत्रुओं से मुक्ति दिलाते है.
बहुत प्रयास के बाद भी सफलता हाथ नहीं लग रही हो तो कालाअस्टमी के दिन काले चने का दान करने से व्यक्ति को धन लाभ होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है.
नमक और तेल का दान शास्त्रों मे विशेष महत्व रखता है. कालाअस्टमी के दिन नमक का दान करने से व्यक्ति को धन लाभ होता है और तेल का दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं.