









जालंधर : देहात पुलिस ने फिल्लौर में एक विशेष अभियान के दौरान तीन महिलाओं सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 150 एटिजोलम गोलियां, 49 ट्रामाडोल गोलियां जब्त की हैं। जानकारी देते हुए एसएसपी हरकमल प्रीत सिंह खख ने बताया कि फिल्लौर एसपी (जांच) जसरूप कौर बाठ और डीएसपी सरवन सिंह बल के नेतृत्व में फिल्लौर पुलिस स्टेशन की टीम द्वारा शुरू किए गए नशा विरोधी अभियान के तहत नशे के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जा रही है।इस मामले को विशेष रूप से चिंताजनक बनाने वाली बात यह है कि इसमें एक गैर-लाइसेंस प्राप्त केमिस्ट की संलिप्तता है जो दवाओं के अवैध वितरण के लिए दवाओं की आपूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल मादक पदार्थों की तस्करी को दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को निशाना बनाने वाले एक परिष्कृत वितरण नेटवर्क को भी दर्शाता है।ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले इंस्पेक्टर संजीव कपूर, एसएचओ फिल्लौर ने 26 फरवरी, 2025 को एक विशेष चेकपॉइंट के दौरान एक वैन को रोका, जिसमें से 150 एटिज़ोलम गोलियां और 49 ट्रामाडोल गोलियां बरामद की गईं। दोनों ने ऐसे पदार्थों को नियंत्रित किया जिनकी कीमत बहुत अधिक थी तथा जिनके दुरुपयोग की भी संभावना थी। पकड़े व्यक्ति की पहचान मियोवाल निवासी धरमिंदर सिंह के रूप में हुई है, जो लंधरा गांव में बिना लाइसेंस के दवा की दुकान चला रहा था। इसके अलावा महिलाओं की पहचान ज्योति पत्नी बलविंदर कुमार निवासी गांव गन्ना, प्रीति पत्नी दविंदर पाल निवासी गांव मागोपट्टी तथा मोनिका पुत्री बलिहार राम निवासी गांव समारी के रूप में हुई है।उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि धर्मेंद्र सिंह बिना किसी फार्मास्युटिकल लाइसेंस के ही दवाओं की आपूर्ति कर रहा था। उन्होंने कहा कि इस अवैध कार्य के खिलाफ अलग से कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया है।सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इन महिलाओं का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। गन्ना गांव की निवासी ज्योति, जिसके खिलाफ 2016 से 2024 के बीच एनडीपीएस अधिनियम के तहत सात मामले दर्ज हैं, कई गिरफ्तारियों के बावजूद मादक पदार्थों की तस्करी में उसकी संलिप्तता जारी है।उन्होंने बताया कि फिल्लौर पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट की धारा 22-61-85 के तहत मामला (नंबर 44, दिनांक 26.02.2025) दर्ज किया गया है। पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त वाहन (पीबी-15-एफ-3424) को भी जब्त कर लिया है।आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है, जिससे उनकी आपूर्ति श्रृंखला और वितरण नेटवर्क के बारे में अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।