जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने गर्मी के मौसम को देखते हुए जिले के लोगों को हीटस्ट्रोक से बचने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है।डा.अग्रवाल ने कहा कि जुलाई तक चलने वाली गर्म हवाओं से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब अत्यधिक गर्मी पड़ती है तो हमारा शरीर पसीने के रूप में गर्मी छोड़ता है और तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। एक निश्चित सीमा के बाद हमारे शरीर का यह सिस्टम काम करना बंद कर देता है और शरीर बाहर के तापमान जितना गर्म हो जाता है। जिसे हीटस्ट्रोक या लू लगना कहते है।उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग इसे हल्के में लेते हैं लेकिन हीटस्ट्रोक बहुत खतरनाक है। बच्चों और बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, मोटापे से ग्रस्त लोगों, हृदय रोगियों, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा मजदूर वर्ग, दिहाड़ी मजदूर और सड़कों पर रहने वाले बेघर लोग आदि इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं।उन्होंने कहा कि लू लगने से शरीर में बेचैनी व घबराहट हो सकती है तथा अधिक समय तक धूप में रहने से आंखों के आगे अंधेरा छाना, चक्कर आना, समझने में दिक्कत होना, चिड़चिड़ापन, बोलने में दिक्कत होना, चलते समय लड़खड़ाना, दौरे पड़ना आदि हो सकते है। उन्होंने लोगों से अपील की कि गर्मी में लू से बचने के लिए हमें सावधानियां बरतने की जरूरत है जैसे कि जब भी घर से बाहर जाना हो तो खूब पानी पीएं, सूती, हल्के व आरामदायक कपड़े पहनें तथा सिर को ढक कर रखें, जितना हो सके पानी, नींबू पानी, लस्सी, ओआरएस घोल जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें तथा दोपहर के समय बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
डिप्टी कमिश्नर ने अपील करते हुए कहा कि जिलावासी सावधानियां बरतकर लू से स्वयं को बचा सकते है।







