

चामुंडा: माँ पद्मावती लक्ष्मी, सौभाग्य देने वाली एवं सभी भक्तों का सुख करने वाली माता है दुर्गा सप्तसती में देवी पद्मावती का उल्लेख छठे अध्याय में मिलता है जानकारी देते हुए रुद्र सेना संगठन के संचालक शिवयोगी दयाल भाई ने कहा कि जँहा उन्हे चंडीका का प्रतिनिधित्व माना जाता है वह कमल में निवास करने वाली देवी का कवचधारी रूप है भक्तों को सौभाग्य और आनंद, संपत्ति प्रदान करती है देवी जैन धर्म में भगवान पाशर्वनाथ की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी पूजनीय है माँ पद्मावती देवी जी की पूजा सच्चे मन और जप, त्याग भाव से करता है वो दिव्य ज्ञान को प्राप्त करता है वरिष्ठ पंडित इस स्थान को धुर्मलोचन वध का स्थान बताते हैँ विद्वान पंडितों द्वारा प्राण परिष्ठा कार्यक्रम 30/7 ( छठे सावन नवरात्रि)से आरम्भ किया गया है माँ पद्मावती जी की मूर्ति पुजारी सुभाष जी और स्वर्गीय पंडित बालमुकुंद कोरला जी की प्रेरणा से लगाई जा रही है दिव्य मूर्ति जयपुर से लाई गई है और मकराना संगमरमर की शिला से तैयार की गई है , यह समारोह दयाल भाई संस्थापक रुद्रसेना संगठन (पंजाब) और सिहुंड ग्राम के ग्रामवासियों द्वारा किया जा रहा है सभी बाबा डीनू नाग मन्दिर भंडारा में पहुँच कर माँ पद्मावती जी का आशीर्वाद पाए कप्तान रोशन लाल, , तिलक राज प्रधान, राज कुमार , विशाल, सूरज और आदित्य कोरला, अदिति कोरला , मीणा कोरला साथी बाबा
डीनू भक्त मण्डल शामिल रहेंगे








