

जालंधर : राज्य के उद्योग एवं बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा ‘राइजिंग पंजाब-सुझाव से हल तक’ के तहत शुरू किए गए प्रोग्राम राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने में कारगर साबित होंगे। वह आज ‘राइजिंग पंजाब-सुझाव से हल तक’ के तहत आयोजित प्रोग्राम में जालंधर सहित चार ज़िलों के उद्योगपतियों से सीधे संवाद करने पहुंचे थे। बाद में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत की। इस अवसर पर उद्योग डायरेक्टर सुरभि मलिक, डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर और अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (इन्वेस्ट पंजाब) राहुल चाबा भी मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार पंजाब में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ‘राइजिंग पंजाब-सुझाव से हल तक’ के तहत कार्यक्रम आयोजित कर रही है और आज जालंधर में दूसरा प्रोग्राम आयोजित किया गया है, जिसके माध्यम से उद्योगपतियों से सीधा संवाद कर उनके सुझाव प्राप्त हुए है, उन्होंने सुझावों को समयबद्ध ढंग से समाधान तक पहुंचाया जाएगा कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पिछले साल उद्योगपतियों को 90 करोड़ रुपये की इंसेंटिव राशि दी थी और अब 5 महीनों में 222 करोड़ रुपये की इंसेंटिव राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पंजाब में उद्योग स्थापित करने के लिए एक नया पोर्टल शुरू कर रही है, जिसमें सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से 45 दिनों में सभी स्वीकृतियां सुनिश्चित की जा रही है और तीसरे-चौथे दिन से मंजूरी मिलनी शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को मंजूरी पाने के लिए 45 दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य में उद्योगों को अनुकूल माहौल प्रदान कर रही है, जिसके चलते उद्योगपतियों ने अब तक 1 लाख 14 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि इससे 4.5 लाख लोगों को रोज़गार भी मिला है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से लगभग 40 साल पुराने मामलों का समाधान किया है, जिसका उद्योग जगत ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि रद्द प्लॉटों के लिए अपील अथॉरिटी बनाई गई है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निपटान समयबद्ध ढंग से हो। इसके अलावा, औद्योगिक प्लॉटों की क्लबिंग और डी-क्लबिंग लागू की गई है, जिससे अब उद्योगपति अपने प्लॉटों का सही इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उद्योगपति अब लीजहोल्ड प्लॉट या शेड को फ्रीहोल्ड में बदल सकते है। श्री अरोडा ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को लीज पर आवंटित प्लॉटों का मालिकाना हक भी दे रही है, ताकि वे उनके साथ आसानी से वित्तीय लेन-देन कर सकें। उद्योग मंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों की सुविधा के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की 24 कमेटियां बनाई गई हैं, जिनमें राजनीति से कोई भी सदस्य नहीं लिया गया है और समिति की नियमित बैठकें सुनिश्चित करने के लिए ए.डी.सी. को इस समिति में शामिल किया गया है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 13 मार्च, 2026 से मोहाली में तीन दिवसीय पंजाब निवेश सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें उद्योगपतियों, व्यापारियों, एन.आर.आई. और विदेशी कंपनियों को न्योता दिया जाएगा, ताकि पंजाब में अधिक से अधिक निवेश हो सके। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों द्वारा दिए जाने वाले टैक्स को केवल उनके फोकल प्वाइंटों, औद्योगिक पार्कों पर ही लगाने के लिए एक विशेष प्राधिकरण का गठन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने फोकल प्वाइंटों को अपग्रेड करने के लिए 100 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए है, जिससे सीवरेज, सड़कें, लाइटें और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगपतियों को सुरक्षा प्रदान करने के अलावा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भी विशेष पहल की जा रही है।









