

जालंधर : पास्टर अकुंर नरूला की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। हाल ही में पारस एस्टेट में बच्ची के मर्डर केस के आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंपी को लेकर दिए बयान को लेकर परिवार में भारी रोष पाया गया था। अभी यह मामला थमा नहीं है कि अब चंडीगढ़ में पंजाब भर से आए प्रमुख ईसाई समुदाय के पास्टरों ने सांजी प्रेस वार्ता की। जहां उन्होंने जालंधर के पास्टर अंकुर नरूला और उनके संगठन के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म से जुड़े गंभीर मुद्दों और हालिया विवादों पर समाज का पक्ष रखना था।मुख्य वक्ताओं रॉबर्ट विलियम (पेंटेकोस्टल चर्च), जगदीश मसीह (नेशनल क्रिश्चियन लीग) और सुखजीत गिल (मसीह एकता सभा) ने स्पष्ट किया कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों की गलत हरकतों के कारण पंजाब में पूरे ईसाई समुदाय की तस्वीर खराब हो रही है। प्रैस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए नेताओं ने कहा कि बाइबल अपराध नहीं, बल्कि सदाचारी जीवन जीने की शिक्षा देती है।इस दौरान सभी ने जालंधर में 13 साल की बच्ची की हत्या के मामले में अंकुर नरूला द्वारा की गई टिप्पणियों का सख्त विरोध किया। उन्होंने कहा कि नरूला को अपने असंवेदनशील बयानों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए और पीड़ित परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहिए। इसी के साथ दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की माता, माता चरण कौर के पुतले को जलाने की घटना का कड़ा विरोध। यह पुतला केवल अंकुर नरूला के अनुयायियों द्वारा जलाया गया था, न कि ईसाई समुदाय द्वारा। ईसाई समुदाय का इस घटना से कोई संबंध नहीं है और न ही वह इस प्रकार के कृत्यों का समर्थन या अनुमोदन करता है। पास्टरों ने कहा कि अंकुर नरूला द्वारा भांगड़ा, बोलियां, गिद्धा, लाउडस्पीकर और डीजे के साथ निकाली गई गैर-बाइबिलीय शोभा यात्रा का कड़ा विरोध, जो ईसाई मूल्यों और संस्कृति के विरुद्ध है।ग्लोबल क्रिश्चियन एक्शन कमेटी द्वारा यह दावा करने और ऐसी शब्दावली का प्रयोग करने पर कड़ा विरोध कि वे पूरे ईसाई समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा मसीही भाईचारा, ‘क्रिश्चियन समाज’, ‘मसीही समाज’ जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं। उन्हें केवल अपने चर्च का ही नाम लेना चाहिए। वे केवल अंकुर नरूला मिनिस्ट्री का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूरे ईसाई समुदाय का नेतृत्व दिखाकर जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए। उनके कार्यों की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की है और अन्य ईसाई उनके कृत्यों की कोई जिम्मेदारी नहीं लेते।पंजाब बचाओ मोर्चा और उसके अध्यक्ष तेजस्वी मिन्हास को पूर्ण समर्थन, जो पाखंड और अंधविश्वास के खिलाफ सक्रिय रूप से संघर्ष कर रहे हैं। पंजाब बचाओ मोर्चा ईसाइयों और ईसाई धर्म का पूर्ण समर्थन करता है और केवल धर्म को फर्जी पादरियों और तथाकथित चमत्कारी इलाज करने वालों से मुक्त कराने का प्रयास कर रहा है, जो निजी लाभ के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं और गैर-बाइबिलीय गतिविधियों में लिप्त हैं।प्रशासन से अनुरोध कि अंकुर नरूला और उसके सहयोगियों के हालिया बयानों, कृत्यों और दर्जनों मौजूदा कानूनों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन पद से जतिंदर गौरव मसीह को तुरंत हटाया जाए, क्योंकि वह केवल अंकुर नरूला का एक मोहरा है और उसी तथा उसके चर्च को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। वह ईसाई समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करता और अंकुर नरूला द्वारा संचालित चर्च के अलावा किसी अन्य समुदाय के लिए उसने कुछ नहीं किया है।






