मंत्री के आदेश के बावजूद अधिकारी नहीं कर रहे LPU पर कार्रवाई

by Sandeep Verma
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जालंधर : पंजाब में सीएम मान ने हाल ही में विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई करते हुए चंडीगढ से सटे मुल्लांपुर में 2828 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त करवाया। इस जमीन की कीमत का लगभग 300 करोड़ रुपए का सरकार ने दावा किया है।image 750x 62e7ae5f5e979      सीएम मान की ओर से पंचायती जमीन के कब्जे छुड़वाने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था। उन्होंने कब्जाधारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कब्जे ने छोड़े तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन दूसरी ओर आप सरकार के अपने नेताओं पर पंचायती जमीन के कब्जे को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। ताजा मामला लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का सामने आया है। एलपीयू के मालिक अशोक मित्तल है जो आप पार्टी के राज्य सभा के मेंबर भी है। image 750x 62e7ae5f5e979 1      एलपीयू पर भी 6 कनाल 20 मरले की पंचायत की जमीन पर कब्जे का आरोप है। लेकिन सरकार इस यूनिवर्सिटी पर मेहरबान हो रही है। एक तरफ तो पूरे पंजाब में पंचायती जमीनों को छुड़ाया जा रहा था तो लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने जो पंचायत से जमीन ले रखी है उसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया पिछले महीन देहाती विकास एवं पंचायती राज मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ अधिकारियों की बैठक में भी उठा था। हालांकि इस दौरान मंत्री की ओर से अधिकारियों को आदेश दिए थे कि यूनिवर्सिटी में जो लैंड कब्जे में है उसे भी मुक्त करवाया जाए। लेकिन इन सबके बावजूद किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं हुई कि वह राज्य सभा मेंबर की एलपीयू यूनिवर्सिटी से कब्जा छुड़ा पाए। इस मामले को लेकर जिला पंचायत अधिकारी हरजिंदर सिंह से जब मीडिया ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के कब्जे में 6 कनाल 20 मरले जमीन है। यह जमीन मुआफी की है। 1935 में रियासती काल के दौरान इसे गुरुघर को दिया गया था। लेकिन मौजूदा दौर में दस्तावेजों में यह जमीन नगर पंचायत हरदासपुर के नाम पर दर्ज है। गुरुघर ने यह जमीन आगे यूनिवर्सिटी को किस तरह से दी है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कागजों में यह जमीन हरदासपुर नगर पंचायत की है। उन्होंने कहा कि पंचायत यदि चाहे तो कब्जा छुड़ा सकती है। इसी बीच विशेषज्ञों का कहना है कि जो मुआफी की जमीन है जिसे मुआफी में मिली है उसका प्रयोग सिर्फ वही पर सकता है। उस जमीन को वह आगे पट्टे पर फिर बेच नहीं सकता। क्यों उसे उस जमीन का मालिकाना हक नहीं होता है। लेकिन इन सबके बावजूद अधिकारी कार्रवाई करने के लिए क्यों हिचकिचा रहे है। क्या आप सरकार एलपीयू से पंचायती जमीन का कब्जा छुड़वाएगी या फिर विपक्षों पर ही कार्रवाई करके वाहवाही लूटती रहेंगी।image 750x 62e7bc7b8dea4            वहीं दूसरी ओर इस संबंध में एलपीयू के पीआरओ हरप्रीत ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है। उन्होंने पंचायती जमीन को लेकर बताया कि इस जमीन से एलपीयू का कोई लेना देना नहीं है। हरप्रीत ने बताया कि ग्राम पंचायत गांव हरदासपुर ने अपनी ओर से जारी पत्र में 9 मई 2022 में मानयोग ब्लॉक विकास और पंचायती अफसर फगवाड़ा को स्पष्टीकरण दिया हुआ है। जिसमें उन्होंने कहा कि उक्त भूमि गुरुद्वारा साहिब को वर्ष 1933 में माफ कर दी गई है और 1933 से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इसकी देखरेख कर रही है। ग्राम पंचायत गांव हरदासपुर ने भी अपने उक्त पत्र में स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि पर ग्राम पंचायत गांव हरदासपुर का कोई अधिकार नहीं है और ग्राम पंचायत गांव हरदासपुर का उक्त भूमि से कोई लेन-देन या तलक वास्ता नहीं है और न ही कभी होगा। ग्राम पंचायत गांव हरदासपुर के उक्त पत्र दिनांक 09 मई 2022 की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है। यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फगवाड़ा का इस जमीन से कोई संबंध नहीं है। गुरुद्वारा प्रबंधन समिति इस जमीन को सालाना ठेके पर खेती के लिए देती है। इस वर्ष हमने यह भूमि ग्राम हरदासपुर निवासी सरदार रवींद्र सिंह के पुत्र सरदार बीर सिंह को 26 हजार रुपये के वार्षिक ठेके पर दी हुई है और गुरुद्वारा सिंह सभा द्वारा सरदार रविन्द्र सिंह को जारी वार्षिक ठेके की रसीद संख्या 4163 दिनांक 23 जून 2022 की एक कॉपी भी साथ संलग्न है।

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