चंडीगढ़ ( व्यूरो ): पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा मीडियम एवं लार्ज इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के बिजली के टैरिफ को 5 रुपये से 5.50 रुपये करने संबन्धी लिया गया विनाशकारी फैसला, पहले से संघर्ष कर रही पंजाब की इंडस्ट्री का खात्मा करने के समान है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने इस इंडस्ट्री विरोधी फैसले पर गहरा दुख प्रकट करते हुए, कहा कि पीएसपीसीएल द्वारा जारी किया गया इंडस्ट्री विरोधी सर्कुलर मीडियम एवं लार्ज इंडस्ट्रियल यूनिटों को हर साल 3 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 5 सालों के लिए 5.50 रुपए प्रति किलो वाट एंपियर आवर (केवीएएच) मुहैया करवाने का जिक्र करता है। उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों के मुताबिक वास्तव में 60 पैसे प्रति यूनिट की कुल बढ़ोतरी होगी, क्योंकि एक सच्चाई यह भी है कि बिजली के बिलों पर 20 प्रतिशत टैक्स भी लगाया जाता है, जो इंडस्ट्री पर 2000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त भारी भरकम बोझ डाल देगा।शेरगिल ने कहा कि पीएसपीसीएल द्वारा यह इंडस्ट्री विरोधी फैसला भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार के निर्देशों पर लिया गया है, क्योंकि राज्य का खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रमुख उद्योगपतियों, खासकर लुधियाना के उद्योगपतियों से चर्चा के दौरान उन्हें हैरानीजनक सच्चाई के बारे में पता चला कि पंजाब इंडस्ट्रियल एंड बिजनेस डेवलपमेंट पॉलिसी-2022 के तहत नए निवेशकों को दिए गए फायदे से पंजाब के मौजूदा इंडस्ट्री को बाहर रखा गया है। प्रमुख उद्योगपतियों ने उन्हें बताया कि राज्य में आने वाले नए उद्योगों से 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली लिए जाएंगे और उन्हें एक्साइज ड्यूटी में भी 13 प्रतिशत की राहत दी गई है, जिन फायदों से मौजूदा उद्योगों को बाहर रखा गया है। उन्होंने सवाल किया कि इन हालातों में मौजूदा इंडस्ट्री कैसे राज्य में चल सकती है। शेरगिल ने कहा कि इस फैसले ने पंजाब की इंडस्ट्री को सकते में डाल दिया है। उन्होंने इस फैसले की जोरदार निंदा करते हुए, कहा कि एक उद्योगपति के मुताबिक मौजूदा सरकार वास्तव में इंडस्ट्री से धोखा कर रही है, जो 5 रुपये (अब 5.50 रुपये) प्रति यूनिट चार्ज करने की बात तो कर रही है, लेकिन वास्तव में यदि फिक्स्ड चार्जेस को भी कंजम्पशन चार्जेस के साथ जोड़ दिया जाए, तो इंडस्ट्री लगभग 7 रुपये से 12 रुपये प्रति यूनिट बिजली अदा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में आने से एक साल के भीतर आम आदमी पार्टी चुनाव पूर्व इंडस्ट्री को 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाने संबंधी वायदे को पूरी तरह भूल गई है और एक अन्य शर्मनाक सच्चाई यह भी है कि सरकार ने बिजली खपत के चार्जेस को बढ़ाना शुरू कर दिया है।शेरगिल ने कहा कि बिजली टैरिफ में की गई बढ़ोतरी आप सरकार का धोखा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उद्योग क्षेत्र से की गई स्वतंत्र जांच में खुलासा हुआ है कि बिजली बिलों से हासिल होने वाला लगभग 45 प्रतिशत रेवेन्यू फर्नेस इंडस्ट्री से आता है और इस फैसले से उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने राज्य के हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि आप के शासनकाल में स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि राज्य में कानून व्यवस्था की बुरी हालत के चलते इंडस्ट्री खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। हाल ही में लुधियाना के प्रमुख उद्योगपतियों एक शिष्टमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके यूपी में निवेश करने की मंशा जाहिर की थी। जबकि अब बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी व नई औद्योगिक नीति ने उद्योगपतियों की परेशानी और बढ़ा दी है, जिससे पंजाब से इंडस्ट्री के पलायन में और बढ़ोतरी होगी शेरगिल ने कहा कि अधिकतर मौजूदा उद्योगपतियों और फर्नेस मालिकों ने कहा कि यदि सरकार पंजाब इंडस्ट्रियल एंड बिजनेस डेवलपमेंट पॉलिसी-2022 में संशोधन नहीं करती है और बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी को वापस लेने सहित उन्हें बराबरी का मौका नहीं देती है, तो मौजूदा इंडस्ट्री बंद हो जाएगी भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि आप सरकार को बगैर किसी देरी के बिना शर्त इंडस्ट्री की मांगों को मानना चाहिए।