विजय रुपानी, अश्वनी शर्मा, सोम प्रकाश सहित भाजपाईयों ने डॉ. भीम राव अंबेडकर को की पुष्पांजली अर्पित

by Sandeep Verma
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जालंधर ( एस के वर्मा ) : भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रभारी व पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात विजय रूपाणी के नेतृत्व में भाजपा लीडरशिप ने बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर जालंधर भाजपा शहरी के अध्यक्ष सुशील शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बाबा साहेब की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजली अर्पित कर नमन किया। इसी कड़ी में डेविएट ऑडिटोरियम में बाबा साहेब को लेकर एक बिशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बाबा साहेब पर बनी फिल्म ‘बाबा साहेब तुझे सलाम’ भी दिखाई गई, जिसे सभी भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इकट्ठे बैठ कर देखा। इस अवसर पर विजय रुपानी के साथ प्रदेश उपाधिकारी डॉ. नरेंदर सिंह रैना, केन्द्रीय मंत्री सोम प्रकाश, जालंधर लोकसभा चुनाव प्रभारी डॉ. मोहिंदर सिंह, लोकसभा प्रत्याशी इंद्र इकबाल सिंह अटवाल, केवल सिंह ढिल्लों, डॉ. राज कुमार वेरका, मनोरंजन कालिया, राकेश राठौर, कृष्ण देव भंडारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय व प्रदेश लीडरशिप को सम्मानित भी किया गया। विजय रुपानी ने इस अवसर पर उपस्थित कार्यकर्ताओं के समक्ष डॉ. भीम राव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर जी का व्यक्तित्व बहुमुखी विशेषताओं का अद्भुद संगम था। बाबा साहेब एक कुशल संविधानवेत्ता, न्यायविद, समाजिक शिक्षशास्त्री, प्रेरणा पुरुष और राष्ट्रवादी होने के साथ साथ एक महान विद्वान् व् साहित्यकार भी थे।WhatsApp Image 2023 04 14 at 7.01.52 PM      भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि दिग्गज अर्थशास्त्री भी थे। बाबा साहेब संविधान निर्माण के साथ साथ भेदभाव वाली जाति व्यवस्था की प्रखर आलोचना करने और सामाजिक गैरबराबरी के खिलाफ आवाज उठाने वाले योद्धा के रूप में भी जाने जाते हैं। बाबा साहेब का मानना था की जब तक देश के दलित, वंचित और शोषित वर्ग के लोगो को बराबरी का नयन नहीं मिल जाता है तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश के लिए संविधान निर्माण एक चुनौती था जिसके लिए बाबा साहेब को ही चुना गया। WhatsApp Image 2023 04 14 at 7.01.53 PM       इनकी योग्यता और कार्यकुशलता के कारण इन्हे भारत का पहला कानून मंत्री बनाया गया जिन्होंने संविधान निर्माण के काम को बखूबी अंजाम दिया। अश्वनी शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती पर 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिसके लिए मैं भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं। बाबा साहेब को देश में एक राजनेता, दलितों के मसीहा, और शोषित वर्ग के लिए जीवनभर संघर्ष करने वाली शख्सियत के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने भारत के गरीब नागरिकों को वोट देने का समान अधिकार दिलाया और मजदूरों एव किसानों के स्वामित्व के अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया। बाबा साहेब जीवन भर मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे, वे समाज के सभी वर्गों के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले निडर नेता थे और दूरदृष्टि के धनी थे। उन्होंने कहा कि यह भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि हम सभी को बाबा साहेब के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर समाज सेवा में निरंतर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सभी को बाबा साहेब द्वारा दर्शाए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि बाबा साहेब की जयंती पर हम उनके विचारो को याद करे और सबसे महत्वपूर्ण है कि उन्हें अपने जीवन में भी उतारें, ताकि देश को आदर्श बनाने का डॉ. भीम राव अंबेडकर का सपना पूरा किया जा सके।सोम प्रकाश ने इस अवसर पर कहा कि बाबा साहिब डॉ. अंबेडकर से जुड़े प्रमुख स्थलों का केन्द्र की वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार ने पंचतीर्थ की संज्ञा देकर इन एतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार करके इस कदर भव्य रूप भी दिया है कि इन पांच तीर्थ स्थल के दर्शन हेतु आने वाला बाबा साहिब का कोई पैरोकार अथवा पर्यटक अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। जिसका श्रेय निर्विवाद रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को जाता है। इन पंचतीर्थ में सर्वप्रथम स्थान है मध्य प्रदेश स्थित महू जो कि बाबा साहिब डा. अंबेडकर की जन्मभूमि है। दूसरा स्थान है लंदन का वह आवास जहां उच्च शिक्षा प्राप्ति के दौरान बाबा साहिब किराये पर रहे। इस स्थान को भारत सरकार के सहयोग से महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेन्द्र फडऩवीस सरकार ने निलामी में सर्वाधिक बोली लगाकर न सिर्फ खरीदा बल्कि बाबा साहिब से संबंधित संग्रहालय के तौर पर विकसित भी किया। तीसरा नागपुर का वह स्थान है जहां बाबा साहिब डा. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की और चौथा स्थान है दिल्ली में 26 अलीपुर मार्ग स्थित बाबा साहिब का स्मारक महापरिनिर्वाण स्थल जो कि 7400 वर्ग मीटर में फैला हुआ है और 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। पंचतीर्थ की कड़ी में बाबा साहिब से जुड़ा पांचवा स्थान मुंबई महाराष्ट्र में चैत्य भूमि है जहां पर बाबा साहिब का बौद्ध परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। मुंबई के बीचो-बीच इंदू मिल्स कंपाउंड में बाबा साहिब अंबेडकर का भव्य स्मारक माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार के सौजन्य से लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से बनाया है। इतना ही नहीं अब केंद्र सरकार ने बाबा साहेब की जयंती पर अवकाश देकर इसे और भी अविस्मरनीय बना दिया है। पंजाब भाजपा इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी व उनकी सरकार का आभार प्रकट करती है।

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