जालंधर : जंग-ए-आजादी स्मारक की जांच में विजिलेंस द्वारा बरजिंदर सिंह हमदर्द को तलब किए जाने के विरोध में सभी पार्टी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कांग्रेस के साथ भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के नेता भी पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने एक-दूसरे को जफ्फी पाकर गिल शिकवे दूर हो गए जिसमें दोनों इस सर्वदलीय बैठक में एक-दूसरे को गले लगा रहे है बता दें कि प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद नवजोत सिद्धू अकाली दल के प्रधान सुखबीर से दुख सांझा करने पहुंचे थे। जिस दौरान उन्होंने अकाली दल से पुराने मतभेद बुला देने का ऐलान किया था।आज सर्वदलीय बैठक में अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पंजाब की मान सरकार ने यह हमला सिर्फ बरजिंदर सिंह हमदर्द पर नहीं बोला है बल्कि प्रेस की आजादी पर हमला बोला है। जिस व्यक्ति की पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत को इतनी बढ़ी देन हो और जिसकी तारीफ खुद राष्ट्रपति की और पदम विभूषण से लेकर पदम श्री दिया हो उस इंसान को टार्गंट करना निंदनीय है।नार्थ हल्का के विधायक जूनियर अवतार हेनरी बावा ने कहा कि पत्राकरिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकार सच्चाई को सामने लाते हैं लेकिन मौजूदा सरकार उनका भी गले घोंटने पर उतारू है। जालंधर कैंट से विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रगट सिंह ने कहा कि जो दिल्ली केंद्र में भाजपा की सरकार कर रही है, उससे कहीं ज्यादा धक्का पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार कर रही है। पंजाब भाजपा के प्रधान अश्विनी शर्मा ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार लोकतंत्र की आवाज को दबाना चाहती है। आज भगवंत मान सरकार की दमनकारी नीतियों को खिलाफ सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी अपना स्टैंड बताएगी। अहंकार में डूबी सरकार के मुखिया अपने आका को खुश करने के लिए लोकतंत्र में बोलने की आजादी के मिले अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है। अश्विनी शर्मा ने कहा कि सभी लोगों को राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए। बता दें कि दो दिन पहले कांग्रेस के नेताओं ने प्रस्ताव पारित कर इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग बुलाई थी। इसमें कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व उपमुख्यमंत्री रंधावा, पूर्व स्पीकर राणा केपी सिंह, पूर्व मंत्री ओपी सोनी, भारत भूषण आशू, गुरकीरत कोटली, संदीप संधू, के डी भंडारी, जीवन गुप्ता, मंरोजन कालिया, और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।