दर्पण की तरह होना चाहिए चेहरा : नवजीत भारद्वाज

by Sandeep Verma
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जालंधर : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम सभी मुख्य यजमान मुनीश शर्मा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां धाम के संचालक व संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने डलवाई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि व्यक्ति अपने अवगुण छिपा कर श्रेष्ठ बनना चाहता है। दोषों को दबा कर रखने से वे और बढ़ते हैं और कभी-कभी विकराल रूप ले लेते हैं। इसलिए अपने मन व हृदय को सरल बनाइये। जैसा हैं, वैसा दीखिये, सकारात्मक सोच को हृदय में धारण करना चाहिए। नवजीत भारदज ने कहा कि बुराई कभी दब नहीं सकती। जिस प्रकार राख को दबाने से उसके अंदर का ताप खत्म नहीं होता, वैसे ही बुराई दबी रहती है। मौका मिलने पर वह बढ़ती है। मन के कषाय को खत्म करना चाहिए। उन्होंने एक दार्शनिक एमरसन का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक गरीब वृद्धा एक संत के रोजाना पूरे प्रवचन सुनती। लोग हंसी उड़ाते थे कि तेरी समझ में क्या आएगा। जब लोग बार-बार पूछने लगे तो उस वृद्धा ने बताया कि प्रवचन भले ही समझ में नहीं आएं, लेकिन भगवत तत्व तो जाग ही जाते हैं। उससे आत्म ज्ञान हो रहा है, उससे मेरे जीवन में सफलता आ रही है। उन्होने कहा कि संतों के सानिध्य में आने से व्यक्ति का अहंकार समाप्त हो जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि कषायों को खत्म करना चाहिए। यदि कभी क्रोध आए तो उस पर नियंत्रण करके लंबी-लंबी सांस लें, तभी राहत मिल सकेगी। उन्होने आखिर में कहा कि पानी की साधारण बूंद यदि कमल के फूल के पत्ते पर हो तो वह मोती जैसी दिखती है। स्वाति नक्षत्र में ओस की बूंद यदि सीप में गिर जाए तो वह मोती बन जाती है। वही बूंद यदि नाले में गिर जाए तो कीचड़ में मिल जाती है। यानि कर्म और भाग्य के अलावा संगत का असर होता है, जो व्यक्ति के जीवन का कल्याण करता है। इस अवसर पर श्रीकंठ जज, गुलशन शर्मा, रविन्द्र बांसल,अजीत कुमार, प्रदीप शर्मा, नवदीप, रमनदीप, मनजीत सिंह,संजीव सोंधी, राकेश प्रभाकर, विवेक सहगल, रेखा सहगल, मनीष कुमार, अमरेंद्र कुमार शर्मा,बावा गौरव जोशी,रवि वासुदेव,शाम लाल शर्मा, बलजिंदर सिंह,समीर कपूर, रोहित भाटिया, प्रिंस कौंडल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, गुलशन शर्मा, दिशांत, लवली शर्मा,राजेश महाजन, मनीष शर्मा, अिश्वनी शर्मा धूप वाले, संजीव शर्मा, विनोद लूथरा, यज्ञदत्त, अवतार सिंह, पंकज, मानव शर्मा, बावा खन्ना, संजय, सोनू छाबड़ा, नवीन, डा. गुप्ता,विकास अग्रवाल, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, मोहित बहल, दीपक, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, गनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, अजय, सौरभ मल्होत्रा, प्रदीप शर्मा, पंकज, मनी, लवली रल्हन, विनोद खन्ना, मुकेश चौधरी, इकबाल, प्रवीण, दीपक, विदुर, जे डी, अशोक शर्मा,सुनील जग्गी, प्रिंस सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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