माननीय न्यायालय द्वारा पंजाब सरकार के फैसले को खारिज कर ग्राम पंचायतों की बहाली लोकतंत्र की जीत: राजेश बाघा

by Sandeep Verma
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जालंधर : मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा संविधान का उल्लंघन कर पंचायतों, ब्लॉक समितियों और जिला परिषदों को भंग करके उनके अधिकार छीनने को लेकर यह मामला माननीय अदालत में जा पहुँचा, जिसको लेकर आज माननीय अदालत ने पंजाब सरकार के फैसले को खारिज करते हुए सभी ग्राम पंचायतों को फिर से बहाल कर दिया गया है। भाजपा पंजाब के प्रदेश महासचिव राजेश बाघा ने माननीय न्यायालय द्वारा सुनाये फैसले पर इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया।राजेश बाघा ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने राज्य भर की पंचायतों के पंच-सरपंच साहिबान और सभी लोगों को बधाई देते हुए माननीय उच्च न्यायालय का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आज संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान की भी जीत हुई है और यह सभी पंजाबियों के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने पंचायत संस्थाओं के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पंचायतों को भंग करने का फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक था।राजेश बाघा ने कहा कि पंजाब की आम आदमी सरकार द्वारा 10/08/2023 को पंजाब की सभी ग्राम पंचायतें, ब्लॉक समितियां और जिला परिषदें 10/08/2023 को भंग कर दी गई थीं। जिसके विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। मानयोग अदालत द्वारा आज पंजाब सरकार के फैसले को रद्द करते हुए आज सभी ग्राम पंचायतें बहाल कर दी गई हैं।राजेश बाघा ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान जी बाबा साहेब जी की फोटो लगाने से उनका सम्मान नहीं बढ़ेगा। कृप्या उनके लिखित संविधान का पालन करें और सब कुछ संविधान के अनुसार करें ताकि आपके निर्णय अमान्य ना हों।

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