जालंधर : देश में बीते दिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। जिनमें से राजस्थान,छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में भाजपा भारी बहुमत के साथ विजय रही। वहीं सिर्फ तेलंगाना में ही कांग्रेस पार्टी जीत पाई। जिसका असर आने वाले 2024 के चुनाव में पंजाब कांग्रेस को भी देखना पड़ सकता है।पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस के हारने के पीछे का कारण नई चेहरे बताए जा रहें हैं।सूत्रों का कहना है कि पार्टी मजबूत होने के लिए नए संगठन और नए चेहरों को जोड़ रही है। वहीं पार्टी के पुराने और कट्टर कार्यकर्ताओं को पीछे छोड़ रही है जिसका कहीं ना कहीं पार्टी के पुराने और सीनियर कार्यकर्ताओं में रोष हैं।
पार्टी जिम्मेदारियां किसी और को दे रही, काम किसी और की मर्ज़ी का
द ट्राइडेंट न्यूज ने जब जालंधर में पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व नेताओं से बात की तो उनका कहना है, कि इसमें कोई शक नहीं की जो राजस्थान में हुआ है। वह जालंधर में भी हो सकता है, क्योंकि नए लोगों को जोड़ने के बाद पुराने कार्यकर्ताओं को बिल्कुल भी पूछा नहीं जा रहा। पार्टी की ओर से उन्हें जिम्मेदारियां तो दी जा रही हैं, लेकिन वह सिर्फ नामात्र ही है। पार्टी की ओर से ड्यूटी उनकी लगाई जाती है। लेकिन
काम नए जुड़े सदस्यों के हिसाब से करवाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी को नए सदस्य बनाने के साथ पुराने सदस्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। ताकि पार्टी को और भी ज्यादा मजबूत रखा जा सके।