जालन्धर : श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। भागवत कथा से बड़ा कोई सत्य नहीं है। भागवत कथा अमृत है। इसके श्रवण करने से मनुष्य अमृत हो जाता है।यह उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक जया किशोरी ने पटेल चौंक के नज़दीक साई स्कूल की ग्राउंड में हो रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन पंडाल में कहे।कथा में जालंधर डीसी विशेष सारंगल, नीतू अनुराग, कविता सेठ, श्वेता धीर, विधायक रमन अरोड़ा ने ज्योति प्रज्वलित करके कथा का शुभारम्भ किया।इस दौरान कथा में विशेष तौर पर लवली स्वीट के मालिक नरेश मित्तल, रमेश मित्तल, मधु मित्तल, रश्मि मित्तल, विधायक शीतल अगुंराल, पूर्व पार्षद पति व समाज सेवक विनीत धीर, पूर्व पार्षद पति अमित सिंह संधा, ब्लाॅक प्रधान सौरव सेठ, नवीन सोनी, रोजी अरोड़ा, सन्नी अगुंराल, सांसद सुशील रिंकू की पत्नी डॉ सुनीता रिंकू, जय सुखदेव गुरु जी ने शिरकत की।इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक जया किशोरी ने पांचवे दिन की कथा में भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं, गोवर्धन पूजन व छप्पन भोग का भावपूर्ण वर्णन बताया।कथा में जया किशोरी ने श्री कृष्ण जन्म कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया।श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा के बीच में ” कौन कहते है भगवान आते नहीं, मेरी लगी श्याम संघ प्रीत मैं तो नाचूँगी, नंद भवन में उड़न लगी धूल, राधे राधे गोबिंद राधे इत्यादि भजन सुनाए कर आए हुए भगतों को भाव विभोर कर दिया।कथा में कहा कि तीर्थ स्थल को कभी मनोरंजन का स्थान ना बनाए और कहा कि हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है।जया किशोरी ने कहा कि कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में हरी नाम से ही जीवन का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है, सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।कथा के अंत में श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य है और हर लीला का आध्यात्मिक महत्व है। और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत लीला का वर्णन करते हुए कहा की भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर धारण कर इंन्द्र का मान भंग किया।भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था।उस पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी गोकुलवासियों की जान बच गई थी। इसी बात से खुश होकर गोकुलवासियों ने श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाया।इस अवसर पर महेश मखीजा, वरिष्ठ समाज सेवक राहुल बाहरी, विनोद शर्मा, शिवम मखीजा, राजू मदान, दविंदर वर्मा, दीपक कुमार, राज अरोड़ा, राधा मदान, साक्षी अरोड़ा, ऊर्जा मदान, शाम शर्मा, राजन अरोड़ा, बॉबी मखीजा, ममता मखीजा, रमेश अरोड़ा इत्यादि उपस्थित थे।