करतारपुर, (जालंधर) : पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ‘नशा मुक्त-रंगला पंजाब’ अभियान के तहत नशे के खिलाफ दो दिवसीय पदयात्रा के दूसरे और आखिरी दिन जंग-ए-आजादी मेमोरियल में समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोग इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओ और युवा लड़के-लड़कियों की भागीदारी रंगले पंजाब के निर्माण के लिए एक शुभ संकेत है।आज गांव भट्ठे से 7 किलोमीटर की पैदल दूरी के अंत में स्थानीय जंग-ए-आजादी स्मारक पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कटारिया ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं और शहीदों की भूमि है, जिन्होंने राज्य और देश के लिए महान बलिदान दिए है । इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम राज्य से नशे के खात्मे और पंजाब की समृद्ध विरासत की बहाली के लिए नशे के खिलाफ लड़ाई में योगदान दें। उन्होंने कहा कि 10 गुरुओं के बताये रास्ते पर चलकर इस अलामत पर काबू पाया जा सकता है।कटारिया ने गुरु तेग बहादुर जी, गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके परिवार की शहादत का जिक्र करते हुए पंजाब के लोगों,विशेष कर महिलाओं को नशे के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं का समाज में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, विशेषकर माताओं का, जो अपने बच्चों को उचित मार्गदर्शन देकर इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल सरकारों के प्रयासों तक ही सीमित नहीं रह सकती, बल्कि जब लोग आपसी समझ और जिम्मेदारी के साथ इस लड़ाई में शामिल होते है, तो ऐसे अभियानों की सफलता और अधिक सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है लेकिन आने वाली पीढ़ियों के लिए नशा मुक्त भविष्य बनाने के लिए हम सभी को इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि पंजाब से नशे को खत्म करने के लिए जल्द ही सर्वधर्म संवाद किया जाएगा और सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर नशे के खिलाफ एक जन आंदोलन बनाया जाएगा। श्री कटारिया ने राज्य की समृद्ध विरासत और उद्यमशील लोगों की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब स्वतंत्रता संग्राम और हरित क्रांति में अग्रणी रहा है और नशे पर अंकुश लगाकर राज्य विकसित भारत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।राज्यपाल ने नशा मुक्त पंजाब बनाने के अभियान को बढ़ावा देने के लिए यात्रा में भाग लेने वाले लोगों, महिलाओं, युवाओं, सामाजिक संगठनों, पंचायतों, स्कूलों, कॉलेजों को धन्यवाद देते हुए कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशा मुक्त रंगला पंजाब में लगातार 10 दिनों तक पैदल यात्रा निकाली जाएगी और घर-घर जाकर नशे के खात्मे के लिए संदेश दिया जाएगा।इस मौके पर धावक फौजा सिंह को सम्मानित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 113 साल की आयु में नशे के खिलाफ जंग लड़कर श्री सिंह ने एक मिसाल कायम की है, जिससे हर पंजाबी को प्रेरणा लेनी चाहिए और नशे को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व राज्य सूचना कमिश्नर एवं प्रख्यात लेखक खुशवंत सिंह को भी सम्मानित किया गया।पैदल यात्रा के दौरान स्कूल, कॉलेज और गांवों के लोगों ने लंगर लगाकर यात्रा का स्वागत किया।बता दें कि दो दिवसीय इस पैदल यात्रा के दूसरे दिन राज्यपाल ने गांव भट्ठे के नोबल स्कूल से यात्रा शुरू की, जो करीब 7 किमी की दूरी तय कर जंग-ए-आजादी मेमोरियल पर समाप्त हुई। दो दिवसीय यात्रा के दोनों दिन श्री कटारिया ने स्वयं पैदल यात्रा का नेतृत्व किया।इस वॉक में सेक्रेटरी रेड क्रॉस सोसाइटी पंजाब शिव दुलार सिंह ढिल्लों, डायरेक्टर एम.एच.ए. (इन्द्रियाँ एवं नागरिकता) ललित जैन, पूर्व सूचना कमिश्नर एवं प्रख्यात लेखक खुशवंत सिंह, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर मेजर डा. अमित महाजन, एसडीएम बलबीर राज सिंह के अलावा ग्राम पंचायतें, सामाजिक संगठन और विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।