जालंधर : आम आदमी पार्टी (आप ) के वरिष्ठ नेता व जालंधर सेंट्रल हलका इंचार्ज नितिन कोहली ने पंजाब सरकार की नई डिजिटल सेवा “ईज़ी जमाबंदी” को राजस्व विभाग से भ्रष्टाचार समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम बताया है।कोहली ने कहा कि यह डिजिटल पहल जनता को बड़ी राहत देगी क्योंकि अब ज़मीन की रजिस्ट्री, म्युटेशन (मालिकाना हक का हस्तांतरण) और फर्द जैसे ज़मीन संबंधी दस्तावेज़ों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होगी। “अब नागरिक सिर्फ एक क्लिक में अपने मोबाइल फोन से यह सभी सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। सभी सेवाएं ईज़ी जमाबंदी वेबसाइट या 1076 हेल्पलाइन नंबर के ज़रिए उपलब्ध हैं,” उन्होंने बताया।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब डिजिटल ज़मीन रिकॉर्ड में प्रमाणित डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूं आर कोड होंगे, जिन्हें स्कैन करके तुरंत रिकॉर्ड की प्रामाणिकता की पुष्टि की जा सकती है।नितिन कोहली ने कहा, “अब तक लोगों को म्युटेशन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब न तो पटवारी फाइल को रोक सकेगा और न ही किसी को रिश्वत देने की ज़रूरत पड़ेगी। पूरा सिस्टम पारदर्शी बना दिया गया है और सभी म्युटेशन 30 दिन के भीतर पूरे किए जाएंगे।”उन्होंने यह भी बताया कि अब किसी भी रिपोर्ट के लिए फिजिकल फाइलिंग या दफ्तर के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। “जैसे ही कोई केस दायर होगा, वह केस डिजिटल तरीके से पटवारी से तहसीलदार तक पहुंचेगा और आवेदक को व्हाटअप के ज़रिए समय-समय पर अपडेट मिलते रहेंगे।”कोहली ने यह भी बताया कि ज़मीन रिकॉर्ड में नाम या अन्य गलती को भी अब ऑनलाइन ही ठीक कराया जा सकेगा, जिसके लिए पहले तहसीलदार की मर्जी और दफ्तर में उपस्थिति जरूरी होती थी।एक और बड़ी सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब ज़मीन मालिक पी 500 प्रति खेवट के सालाना शुल्क पर सरकार की वेबसाइट से अपने ज़मीन रिकॉर्ड की सदस्यता ले सकते हैं। “इससे वे कहीं से भी अपनी ज़मीन पर नज़र रख सकेंगे और अगर उनके रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की कोई कोशिश होती है तो उन्हें व्हाटअप या ईमेल के ज़रिए तुरंत अलर्ट मिलेगा। वे ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे, जो सीधे संबंधित अधिकारी के पास जाएगी।”अंत में, नितिन कोहली ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ईज़ी जमाबंदी सेवा नागरिकों को सशक्त करने और पारदर्शी शासन की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है।







