

नई दिल्ली : प्राचीन भारतीय कलाओं और विज्ञानों पर आधारित आंतरिक सद्भाव और मन की शांति के लिए गहराई से तैयार की गई एक नई किताब पाठकों की पसंद के रूप में तेजी से उभर रही है। यह किताब न केवल एक दार्शनिक सोच देती है, बल्कि यह जीवन की मुश्किलों से निपटने के लिए एक व्यवहारिक मार्गदर्शिका भी है। इसका मुख्य उद्देश्य पाठकों के समय, तनाव और आंतरिक उलझनों से संबंध को समझाना और उसे बदलना है, जो आज के समय की बड़ी समस्याएं हैं। The Practice of Immortality नाम की इस किताब को ईशान शिवानंद ने लिखा है। यह बुक उनकी बीस वर्षों की संन्यासी शिक्षा और 21 पीढ़ियों से चली आ रही योग परंपरा पर आधारित है। इसमें उन्होंने ‘योग ऑफ इम्मॉर्टल्स (YOI)’ नामक प्रणाली को समझाया है, जिसमें ध्यान, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा और मार्शल आर्ट का समावेश है। अगर इसे ठीक से समझा जाए तो यह जीवन को पूरी तरह बदलने वाली विधि हो सकती है।
The Practice of Immortality : समय का पीछा करने के बजाय, हम मन को शांत और अपनी श्वास को नियंत्रित करना सीखकर मुक्ति पा सकते हैं









