चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस ने रेप केस के मामले में लुधियाना कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. कोर्ट ने उन्हें इस मामले में पीओ यानी घोषित अपराधी करार दिया था. उनके साथ अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी. बैंस के कोर्ट में सरेंडर करने के बाद अब पुलिस उनका रिमांड हासिल करने की कोशिश करेगी. इस बीच सिमरजीत सिंह बैंस की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली गई है, जिसमें कहा गया है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है.
मीडिया कोऑर्डिनेटर का दावा, झूठे केस में फंसाया
लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस के मीडिया कोऑर्डिनेटर प्रदीप सिंह बंटी ने दावा किया है कि उनके नेता को झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर अदालत का रुख करना बैंस का अधिकार था. अब सरेंडर के बाद वह जमानत के लिए आवेदन करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें सियासी मकसद से इस मामले में फंसाया गया है, लेकिन उन्हें अदालत और न्याय प्रणाली पर भरोसा है.
अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ केस
लुधियाना के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत ने 44 वर्षीय महिला की शिकायत पर पुलिस को सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. महिला का दावा था कि सिमरजीत बैंस और उनके कुछ साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए वह पुलिस के पास गई थी. वहां से मदद न मिलने पर उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल की.
महिला ने लगाए थे गंभीर आरोप
44 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि वह एक संपत्ति विवाद के सिलसिले में आत्मनगर से विधायक रहे सिमरजीत सिंह बैंस के संपर्क में आई थी, लेकिन फंस गई. महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सामाजिक और आर्थिक कमजोरियों का फायदा उठाकर बैंस ने उसकी मदद करने के बहाने बार-बार बलात्कार किया. इसके बाद जुलाई 2021 में लुधियाना में कथित बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था. रेप केस में बैंस को घोषित अपराधी बनाए जाने का आदेश 12 अप्रैल को लुधियाना के एक इलाका मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया था.