जालंधर ( एस के वर्मा ): जालंधर वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे के उपलक्ष पर पीएमजी चिल्ड्रन अस्पताल जालंधर में ऑटिज्म के बारे में सभी लोगों को जागरूक करने के लिए एक फी ऑटिज्म अवेयरनेस कैंप का आयोजन 2 अप्रैल 2023 दिन रविवार को किया गया।इस कैंप के विशेषज्ञ डॉ सुरजीत कौर मदान और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अतुल मदान उपस्थित थे। उन्होंने आए हुए लोगों को ऑटिज्म के लक्षणों के बारे में बताते हुए व्याख्यान दिया। टीम में शामिल साइकोलॉजिस्ट शीनू कोछड़ तथा पीडियेट्रिक डाइटिशियन सृष्टि ने आए हुए सभी लोगों को ऑटिज्म अवेयरनेस रिबन लगाया और ऑटिज्म क्या है के पंपलेट वितरित किए। जिससे आम लोग इस अवस्था को पहचान सके इस कैंप में शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी राधिका गुप्ता उपस्थित हुए। यह ध्यान उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें मुख्य योग्य बात है कि लेटेस्ट सर्वे के सकता है जिसकी अगर शुरुआती सालों में ही पहचान कर ली जाए तो उसकी स्पीच थेरेपी ऑक्यूपेशनल थेरेपी तथा स्पेशल एजुकेशन जैसे ट्रीटमेंट शुरू कर दिए जाएं तो बच्चे की स्थिति में काफी सुधार संभव है। इस कैंप का मुख्य उद्देश्य था सभी लोगों को ऑटिज्म के लक्षणों को पहचानने में सक्षम करना व समाज में ऑटिज्म के प्रति जागरूक करना। कैंप के आयोजक डॉ हरबीर मदान ने आए हुए व्यक्तियों व विशेषज्ञों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आर्टिज्म एक ऐसी अवस्था है जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। अतः इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में इन बच्चों के प्रति जागरूकता लाई जा सकती है जिससे इनके दूरगामी सार्थक परिणाम रूप से डॉ रवि पाल, डॉ हरबीर मदान, अनुसार हर 44 में से एक बच्चे को डॉ तरुणबीर, डॉ नीरू बाला, डॉ ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर हो मिलेंगे।
ऑटिज्म के मुख्य लक्षन : ऐसे बच्चों की स्पीच डिले होती है अपनी उम्र अनुसार बोलते नहीं हैं, अपने में मगन रहते हैं, दूसरों से मिलते जुलते नहीं और प्रॉपर आई कांटेक्ट नहीं करते