जालंधर : शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी सरकार मंडी शुल्क कम करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का विरोध करने के अलावा ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) को जारी रखने की आवश्यकता के बारे अपना पक्ष रखने में आम आदमी पार्टी की विफलता के कारण पंजाब को प्रति साल 2000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा आरडीएफ को पूरी तरह से खत्म करने और मंडी शुल्क को तीन फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए अकाली नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा,‘‘ यह बेहद निंदनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के हितों के लिए इस मुददे को केंद्र के सामने जोरदार तरीके से उठाना भी उचित नही समझा। उन्होने मांग की कि आप सरकार द्वारा इस मुददे को केंद्र के समक्ष सामूहिक रूप से उठाने के लिए सर्वदलीय मीटिंग बुलाई जानी चाहिए। प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि इस कारण राज्य को होने वाले 2000 करोड़ रूपये का वार्षिक नुकसान ग्रामीण बुनियादी ढ़ांचे को प्रभावित करेगा। उन्होने कहा ,‘‘मंडियों के साथ साथ मंडी शेड में खाद्यान्न पहुंचाने तक की जाने वाली सड़कों का रखरखाव आडीएफ और मंडी शुल्क से किया जाता है। अगर केंद्र द्वारा इन फंडों से इंकार किया गया ,तो इस स्थिति में ग्रामीण बुनियादी ढ़ांचा तबाह हो जाएगा’’।चंदूमाजरा ने मुख्यमंत्री से इस मुददे की गंभीरता को समझने के लिए कहते हुए कहा, ‘‘ पहले भी आपके लापरवाह रवैये के कारण पंजाब को बीबीएमबी प्रबंधन से बाहर करने तथा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर करने और यहां तक कि चंडीगढ़ में एक अलग विधानसभा के लिए हरियाणा को भूमि आवंटित करने जैसे पंजाब विरोधी कदम उठाए गए हैं। यदि आपने इन सभी मुददों पर स्टैंड लिया होता, तो केंद्र पूरी तरह से आरडीएफ में कटौती करने और राज्य के हकदार मंडी शुल्क को कम करने की हिम्मत नही करता। अकाली नेता ने बताया कि कैसे आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही गेंहू की फसल की खरीद के दौरान केंद्र द्वारा लगाए जा रहे मूल्य कटौती पर सहमत हो गई थी। उन्होने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री भगवंत मान सिर्फ टवीट जारी करते हैं, उन्होने कभी भी किसानों के मुददे को केंद्र के सामने जोरदार तरीके से नही उठाया’’। वरिष्ठ अकाली नेता ने इस हलके के लोगों को आप सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए कहते हुए कहा, ‘‘ इस सरकार ने आपके साथ धोखा किया है, इसने आपसे बड़े बड़े वादे किए, लेकिन कुछ भी नही दिया जैसे कि महिलाओं को प्रति माह 1000 रूपया प्रति माहर, गरीबों को सब्सिडी वाले राशन के नीले कार्ड काट दिए गए, नौजवानों को नौकरियां नही दी गई। यहां तक कि राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण व्यापार और उद्योग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं’’।