जालंधर : लोकसभा हलका जालंधर के उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार इंदर इकबाल सिंह अटवाल के पिता एवं पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे इंदर इकबाल सिंह अटवाल के लिए शिरोमणि अकाली दल को नहीं छोड़ा, बल्कि पंजाब की खुशहाली, तरक्की और समृद्धि के लिए अकाली दल को अलविदा कहा है। चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पंजाब के लिए और विशेषकर सिख समुदाय के लिए काम किया है, उससे प्रभावित होकर ही वह अकाली दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि वह 65 साल तक शिरोमणि अकाली दल और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (अब स्वर्गीय) के साथ रहे हैं और वह स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल का आज भी दिल से सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अकाली दल को तब भी नहीं छोड़ा था जब एक बार उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान जब उन्हें पता चला कि अकाली दल का चुनाव चिन्ह किसी और को दे दिया गया है। तब भी उनके समर्थकों ने बहुत कहा था कि अकाली दल को छोड़ दो, मगर उन्होंने तब भी नहीं छोड़ा था, मगर अब परिस्थितियां बिल्कुल ही अलग हैं। आज सारा देश तरक्की कर रहा है। भाजपा शासित राज्य भी प्रगति कर रहे हैं, मगर पंजाब पिछड़ रहा है। वह पंजाब की तरक्की, पंजाब की खुशहाली, पंजाब के किसानों की खुशहाली, यहां की इंडस्ट्री की तरक्की के लिए ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के प्रति विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें तब डिप्टी स्पीकर बनाया, जब अकाली दल के सिर्फ 6 सांसद थे और भारतीय जनता पार्टी के 198 तब भी भाजपा ने सिख समुदाय का सम्मान किया। चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोला, लंगर से जीएसटी हटाया, वीर बाल दिवस घोषित किया, किसानों के लिए भी निरंतर काम कर रहे हैं। यही सबसे बड़ी वजह है कि वह अकाली दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं।