जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने भारत रत्न डा.बी.आर.अम्बेडकर को पूरी मानवता का महान नेता कहा, इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहिब ने पूरे देश को एक धागो में बांधते हुए बराबरी वाले समाज पर आधारित विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का संविधान दिया।भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता के 68वें महा प्री-निर्वाण दिवस को समर्पित यहाँ रैड्ड क्रास भवन में करवाए ज़िला स्तरीय समागम दौरान संबोधित करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने डा.अम्बेडकर को विद्वान, कानून्नदान, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनेता बताया, जो अपनी दूरअन्देशी एंव मनुष्यवादी पहुँच के लिए पूरी मानवता उनको सम्मान करती है। डा. अग्रवाल ने कहा कि आदर्श समाज की सृजना करने के लिए हम सबको बाबा साहिब के फलसफे और शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश के विकास में डा. अम्बेडकर का योगदान इतना महान है कि उनको सदियों बाद भी विश्व भर में याद किया जाएगा।डिप्टी कमिश्नर ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह, एस.पी.सरबजीत राय सहित डा.बी.आर.अम्बेडकर को श्रद्धा के फूल भेंट किए।डा. अग्रवाल ने यह भी कहा कि इस महान राष्ट्री नायक का जीवन और दर्शन लोगों को देश और देश निवासियों की नि:स्वार्थ सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि डा.अम्बेडकर समाज के किसी एक सांप्रदायक या वर्ग के नहीं बल्कि पूरी मानवता के नेता थे। डा. अग्रवाल ने कहा कि बाबा साहिब एक दूरअन्देशी नेता थे, जिन्होंने समाज के कमज़ोर वर्गों की भलाई के लिए अथक काम किया और सबसे ज्यादा वह औरतों के सशक्तिकरन के सच्चे समर्थक थे।डिप्टी कमिश्नर ने विद्यार्थियों को बाबा साहिब की शिक्षाओं पर चलने और उनको अपनाने की अपील करते हुए कहा कि बाबा साहिब के मिशन को आगे चलाने की ज़िम्मेदारी हमारी आने वाली पीढ़ियों के कंधों पर है, इसलिए विद्यार्थियों को ऐसे समागमों में शामिल होना चाहिए।डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि डा.अम्बेडकर विश्व की सबसे महान शख्सियतों में से एक थे। उन्होंने कहा कि ख़ुशहाल और बराबरी वाले समाज की सृजना करने के लिए विद्यार्थियों को उनके नक्शे- कदमों पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमज़ोर वर्गों का यह महान मसीहा विश्व की सबसे विद्वान शख्सियतों में से एक थी और उनकी निजी लाईब्रेरी में 50,000 के करीब किताबें थी। उन्होंने कहा कि चाहे डा.अम्बेडकर एक साधारण परिवार के साथ सम्बन्धित थे परन्तु उनके बेमिसाल योगदान ने उनको सांसारिक स्तर की शख़्सियतों में शुमार किया।डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि भारतीय संविधान डा.अम्बेडकर की मेहनत, लगन और दूरअन्देशी का नतीजा है। डा. अग्रवाल ने कहा कि संविधान तैयार करने के साथ-साथ डा.अम्बेडकर ने भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने विद्यार्थियों को जाति, रंग, नस्ल के भेदभाव से पर उठ कर समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय और बराबरी यकीनी बनाने के लिए आदर्श समाज की सृजना करने के लिए यत्न करने का न्योता दिया।इससे पहले अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह ने भी डा. अम्बेडकर द्वारा आज़ाद भारत का संविधान तैयार करने में दिए कीमती योगदान को याद किया।एस. पी. सरबजीत राय ने विद्यार्थियों को डा. अम्बेडकर की शिक्षाओं को रोज़ाना के जीवन में अपनाने की अपील की ताकि वह अच्छे नागरिक बन सकें।इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने डा. बी. आर. अम्बेडकर के जीवन और दर्शन पर अलग- अलग मुकाबलों में भाग लेने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों को सम्मानित किया।ज़िला लोक संपर्क अधिकारी हाकम थापर ने अपने भाषण दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर पहुँचकर समागम की शोभा बढ़ाने के लिए डिप्टी कमिश्नर का धन्यवाद करते हुए आए हुए सभी मेहमानों का भी धन्यवाद प्रकट किया।इस मौके ज़िला रैड्ड क्रास सोसायटी के सचिव इन्द्रदेव सिंह मिनहास, डा. सुरजीत लाल, डा. अशोक सहोता, सचिव ज़िला बार एसोसिएशन एडवोकेट प्रितपाल सिंह, प्रधान एक्स सर्विसमैन वैल्लफेयर एसोसिएशन कैप्टन गुरमेल सिंह, सेवामुक्त जज दर्शन सिंह, डी.ई.ओ. गुरिन्दरजीत कौर, डिप्टी डी.ई.ओ. राजीव जोशी, चुनाव कानून्नगो सुखदेव सिंह भी मौजूद थे।