

जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के संरक्षण और देखभाल के लिए तथा विभिन्न कारणों से कानूनी विवादों में आने वाले बच्चों के लिए किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड का गठन किया जाता है, जिन्हें बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करते है।डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। उन्होंने कहा कि जिले में चल रही बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिसके चलते अब किशोर न्याय बोर्ड के लिए दो नए योग्य सदस्य और बाल कल्याण समिति के लिए एक अध्यक्ष और चार सदस्यों की नियुक्ति की जानी है। उन्होंने कहा कि यह नियुक्तियां किशोर न्याय अधिनियम की धारा 27 और 4 के अनुसार की जानी है। उन्होंने बताया कि बाल भलाई समिति और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के लिए आवेदन करने के लिए सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब चंडीगढ़ की वेबसाइट पर दिए गए नियमों और शर्तों के अनुसार आवेदन किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, सरस्वती विहार, कपूरथला रोड, जालंधर के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट पर दिए गए नियमों और शर्तों को पूरा करने वाले योग्य उम्मीदवार अपना आवेदन विभाग के कार्यालय, सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग, एससीओ नंबर 102 और 103, पिकाडिली सिनेमा के पीछे, सेक्टर 34 ए, चंडीगढ़ को रजिस्टर्ड डाक या स्पीड पोस्ट के जरिए और ईमेल आईडी cwcjjbrecuritment@punjab.gov.in पर भेज सकते है। आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 17.6.2025 है।









