दशहरा या विजयादशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल दशहरा 5 अक्टूबर 2022, बुधवार को है। दशहरे के दिन सुकर्मा, धृति, रवि, हंस व शश समेत कई शुभ योग बनने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दशहरा का पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। दशहरे के दिन साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है, इसलिए पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।
बुराईयों का करें त्याग :
दशहरा बुराई पर अच्छी की जीत के रूप में मनाया जाने वाला पर्व है। इस दिन सभी प्राणियों को बुरे कर्मों का त्याग करने का संकल्प लेना चाहिए। लंकाधिपति रावण को काम,क्रोध,लोभ और मोह का प्रतीक माना जाता है। भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके संसार को यह सन्देश दिया कि सभी बुराईयां मनुष्य के पतन का कारण हैं। ज्ञानी-ध्यानी,धर्म परायण,परम शक्तिशाली और विद्वान होने के बावजूद अगर किसी मनुष्य के भीतर इस तरह की बुराइयां मौजूद हैं,तो उसकी सारी योग्यताएं एवं अच्छाइयां निरर्थक हैं। मनुष्य के बुरे कर्म एक न एक दिन उसके अंत का कारण अवश्य ही बनते हैं इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। कभी भी सच्चाई और अच्छाई के मार्ग से भटकना नहीं चाहिए।