जालंधर 2020 के गांव ऊंचा में करोड़ों रुपए का हुआ घोटाला

by Sandeep Verma
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जालंधर  : पंजाब के जालंधर में 2020 के गांव ऊंचा में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था। जिसमें सहकारी बैंक की ऑडिट ब्रांच के 2 ऑडिट इंस्पेक्टरों सहित एक सेल्समैन व सहकारी बैंक और कोऑपरेटिव गांव की सोसाइटी द्वारा रखे सेक्रेटरी ने इस घोटाले को अंजाम देकर भोले भाले गांव वासियो के करोड़ो रूपयो का गबन किया था।Picsart 22 08 03 17 34 27 068 Picsart 22 08 03 17 35 13 246 इस करोड रुपए के स्कैम के उजागर होने पर पुलिस ने सेक्रेटरी पर विभिन्न धाराओं सहित मामला दर्ज कर दिया था। जिसके बाद ऑडिट ब्रांच द्वारा एक विशेष रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी गई। जिसमें सहकारी बैंक के एआर ब्रांच के जनरल इंस्पेक्टरों सहित ऐआर के नाम इस विशेष रिपोर्ट में दिए गए। बता दे जब इन चारों ने करोड़ों रुपए का गबन किया तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज हुई थी। Picsart 22 08 03 17 35 57 155 Picsart 22 08 03 17 36 40 779जिसके बाद देहात पुलिस ने एस ई टी बनाकर इन चारों के खिलाफ चार्जशीट में नाम दायर कर करोड़ों रुपए के गबन के बारे में रिपोर्ट तैयार की। बतादें सेल्समैन,सेक्रेटरी और एक ऑडिट इंस्पेक्टर सुरेश को माननीय अदालत ने सजा सुना कर जेल भेज दिया था। लेकिन हैरानी की बात यह सामने आई कि ऑडिट ब्रांच के एक और इंस्पेक्टर नागेश कुमार जोकि इस स्कैम का मास्टरमाइंड है जिसने करोड़ों रुपए कई और गांव की प्राइवेटसोसायटी में गबन किए हैं। उस पर कानून के रखवाले इतने मेहरबान है उसका नाम पुलिस की चार्जशीट में तो डाला और लिखा भी इसने कितने लाखों रुपए कहां कहां से पकड़े और करोड़ों रुपए का गबन किया लेकिन उसपर मामला दर्ज नहीं किया। Picsart 22 08 03 17 38 18 657 Picsart 22 08 03 17 37 31 517                         इस मास्टरमाइंड नागेश 306,34 आईपीसी के तहत भी मामला दर्ज है और साथ में ब्रांच मैनेजर कोऑपरेटिव सोसायटी के हरभजन सिंह , सुदेश कुमार ब्रांच मैनेजर नगजा सुरिंदर सिंह पर भी आत्महत्या का मामला दर्ज है।सूत्रों के अनुसार इस आत्महत्या मामले में पुलिस ने एक भी गिरफ्तारी नहीं की। इस करोड़ों रुपए के स्कैम को लेकर एआर डिपार्टमेंट के जनरल इंस्पेक्टर कमल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ही इस स्कैम के मामले को उजागर कर इसकी रिपोर्ट बनाकर अपने डिपार्टमेंट को दी थी। जिसके बाद उस समय उनके मौजूदा ऐआर ने शिकायत आगे डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी को भेजी थी। उन्होंने कहा उनके डिपार्टमेंट ने जो उनके खिलाफ जो रिपोर्ट बनाई है वह सरासर गलत है। अपने ही डिपार्टमेंट पर बोले की छोटे अधिकारी को उनका डिपार्टमेंट दबाने को लगा हुआ है और इसमें उनका कोई दोष नहीं है जबकि उन्होंने ही इस कैंप को रिपोर्ट बनाकर उजागर किया है।जबकि उनके डिपार्टमेंट के रिटायर जनरल इंस्पेक्टर उनसे पहले वहां ड्यूटी पर थे। पंजाब के गांव में पंजाब सरकार द्वारा कई सहूलते दी जाती है जिसमें सब से अहम होती है किसानों के लिए पैसे का लेन देन उसमें आता है सरकार द्वारा नियुक्त किया गया सहकारी बैंक जिसमें किसान अपनी जमा पूंजी बीजों के लिए पैसा और फसलों के लिए लोन ले सकता है परंतु इसमें कांग्रेस के राज में करोड़ों रुपए के घोटाले हो चुके हैं जिसमें पुलिस प्रशासन ने मामले तो दर्ज किए लेकिन जिन्होंने घोटाले किए हैं उनके नाम तक नहीं है इस पर हमारी टीम ने जब छानबीन शुरू की तो पहल के आधार पर एक एफ आई आर प्राप्त हुई जिसमें लगभग साडे 3 करोड का मामला दर्ज किया गया इसमें सहकारी बैंक जो गांव उच्चा में है वहां पर सहकारी बैंक के इंस्पेक्टर नागेश और सुरेश जो हमेशा इस बैंक को प्रॉफिट में रखते हुए चलते थे यहां से इनके द्वारा लगभग 16 करोड़ 17 लाख 50 हजार का घोटाला किया गया।जिसकी पुलिस द्वारा सीट भी तैयार की गई है यह इतने शातिर हैं इनकी पहुंच पुलिस के उच्च अधिकारी जो चंडीगढ़ में बैठते हैं और जो लोगों के लिए इंसाफ का मसीहा बने हुए हैं उन तक है जिस कारण इनके ऊपर कोई भी आंच नहीं आ सकती यही नहीं पता चला है कि थाना भोगपुर में इनके नाम पर एक ऐसी एफ आई आर दर्ज है जिस पर इन्होंने लोगों को मरने के लिए भी मजबूर किया गया था उस मामले को भी दबाया जा रहा है सूत्र बताते हैं नागेश और सुरेश ऐसे शातिर लोग हैं जो करोड़ों का घोटाला करने के बाद बैंक में बैठे हुए सोसायटी के लोगों को मरने के लिए मजबूर करते थे और 20 से ₹300000 उसके परिवार को फंडिंग के तौर पर दे देते थे जिससे मामला दबा रहता था परंतु चार मोटे होने के बाद सुसाइड करने वालों ने जो सुसाइड नोट लिखे थे।उनमें इन लोगों के सीधे तौर पर नाम है लेकिन इन पर कुछ भी मामला सामने नहीं आ रहा जब हमारी टीम ने सहकारी बैंक की मैन ब्रांच का दौरा किया तो वहां से पता चला यह लोग एक ही ब्रांच में नहीं जालंधर जिला की लगभग सभी ब्रांच में घोटाले कर चुके हैं जो कुल मिलाकर 13 करोड़ बनता है अगर कोई विभाग का उच्चरण इनके बारे में ऊपर बोलता है या तो उसका तबादला करा दिया जाता है उस पर भी केस दायर करने की धमकी दी जाती है इसलिए सारा बैंक घोटालों से भरा पड़ा है अगर पंजाब सरकार इस घोटाले की ओर ध्यान देती है तो और भी कई घोटाले सामने आ सकते हैं

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