जालंधर : डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि 0-18 वर्ष की आयु के अनाथ, बेसहारा या दिव्यांग बच्चों के लिए जिले में चल रहे बाल गृहों के लिए जुवेनाईल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा 41 (1) अधीन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।उन्होंने कहा कि जो भी बाल गृह उक्त एक्ट अधीन रजिस्टर्ड नहीं है, उस बाल गृह के मुखिया के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 42 अधीन कार्रवाई की जाएगी। इस कार्यवाई अधीन 1 साल की कैद या 1 लाख रुपये जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। सारंगल ने आगे कहा कि कोई भी गैर-सरकारी संगठन, जो 0-18 वर्ष की आयु के अनाथ, निराश्रित या दिव्यांग बच्चों को आवास, भोजन और देखभाल करता है, को जुवेनाईल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा 41(1) अधीन रजिस्टर्ड होना अनिर्वाय है।डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यदि कोई गैर सरकारी संगठन बच्चों की देखभाल कर रहा है और अभी तक इस एक्ट अधीन रजिस्टर्ड नहीं है, वे 02 जनवरी 2024 तक रजिस्ट्रेशन के लिए अपने दस्तावेज जमा करवा सकते है।जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय भारती ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज 02 जनवरी 2024 शाम 5:00 बजे तक जिला प्रोग्राम अधिकारी/जिला बाल सुरक्षा अधिकारी (7973846008), नजदीक गांधी वनिता आश्रम, कपूरथला चौक, जालंधर के दफ्तर में जमा करवा सकते है।