जालंधर : देहात पुलिस ने क्षेत्र भर में चोरी और लूटपाट की घटनाओं में शामिल एक कुख्यात गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अभियान के दौरान 11 चोरी की मोटरसाइकिलें और नौ घातक हथियार बरामद किए गए, जो क्षेत्र में अपराध के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण जीत है। प्रैस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए एस एस पी हरकमल प्रीत सिंह खख ने बताया कि फिल्लौर सब-डिवीजन के डीएसपी सरवन सिंह बल्ल के नेतृत्व और दिशा-निर्देशों के तहत थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह के नेतृत्व में फिल्लौर पुलिस टीम ने इस कुख्यात आपराधिक नेटवर्क को प्रभावी ढंग से ध्वस्त कर दिया है।इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस कार्रवाई शुरू की गई थी, जिसमें उन्हें फिल्लौर के जखीरा इलाके में गिरोह के सदस्यों की मौजूदगी की सूचना दी गई थी। पुलिस टीम ने तेजी से आरोपियों को घेर लिया और उन्हें पकड़ लिया।यह गिरोह कई महीनों से फिल्लौर, नगर, अप्परा, गुराया, बिलगा और लुधियाना इलाकों में लूटपाट और मोटरसाइकिल चोरी कर रहा था। उन्होंने कई चोरियाँ और डकैती की हैं। गिरोह के सदस्य जंगल के सुनसान इलाके में छिप जाते थे और अपराध करने से पहले नशा करते थे। इन घटनाओं के दौरान, वे अनजान लोगों से नकदी, गहने और अन्य कीमती सामान चुरा लेते थे। इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह के नेतृत्व में फिल्लौर पुलिस ने एक त्वरित और रणनीतिक अभियान चलाया। पुलिस ने नवांशहर रोड पर गढ़ा गाँव के पास गिरोह के ठिकाने को घेर लिया, जहाँ आरोपी कथित तौर पर एक पेट्रोल पंप को लूटने की योजना बना रहे थे। अभियान के अंत में सभी नौ सदस्यों की गिरफ्तारी और चोरी की गई मोटरसाइकिलों और हथियारों को जब्त कर लिया गया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान लखविंदर सिंह उर्फ लक्खा, सुरिंदर सिंह उर्फ सोनू, महेंद्र कुमार उर्फ मोनू, रवि कुमार उर्फ रवि, जसप्रीत उर्फ जस्सा, नीरज कुमार उर्फ साबी, मैथ्यू मसीह उर्फ गोना, तरलोक कुमार उर्फ बूंदी और परमजीत शामिल हैं। सभी फिल्लौर के चक अला बख्श, गारा, शेरपुर और मोहल्ला चोधरिया समेत विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं।पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने फिल्लौर इलाके में 25 से अधिक चोरी और डकैती करने की बात कबूल की। आरोपी आदतन अपराधी पाए गए, जिनका विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का लंबा इतिहास रहा है।पुलिस अब इन संदिग्धों को कई अनसुलझे मामलों से जोड़ने की प्रक्रिया में है, ताकि गिरोह के खिलाफ उनके मामले को और मजबूत किया जा सके। गिरफ्तार आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा और मामले की आगे की जांच और उनके आगे और पीछे के लिंकेज की जांच के लिए उनका रिमांड लिया जाएगा।







