

उत्तराखंड की पवित्र भूमि एक बार फिर प्रकृति के विकराल रूप का शिकार हुई है। गंगोत्री धाम से लगभग 20 किलोमीटर पहले धराली गांव में बादल फटने की घटना ने हृदय को झकझोर कर रख दिया है। श्रद्धा की छांव में बसा यह शांत गांव एक पल में त्राहि-त्राहि करता दृश्य बन गया।आप को बता दें कि सूत्रो द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक कई लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। यह संख्या न केवल आंकड़ों में दर्ज है, बल्कि कई परिवारों के लिए जीवनभर का खालीपन है।गांव धराली वो स्थान है जहां गंगोत्री की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में रुकते हैं। यहां के होटल और स्थानीय ढांचे श्रद्धालुओं की सेवा में समर्पित रहते हैं। लेकिन आज, वहीं स्थान चीखों, टूटे सपनों और बिखरे जीवन का गवाह बन गया है।उत्तरकाशी से राहत और बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में अभी लगभग कई घंटे का समय लग रहा है, जो स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा देता है।ईश्वर से प्रार्थना है कि इस भीषण आपदा में जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति मिले और उनके परिजनों को असीम धैर्य एवं साहस प्राप्त हो। इस समय हम सबका कर्तव्य है कि पीड़ितों के साथ संवेदना के साथ खड़े रहें और हर संभव सहायता पहुंचाएं।प्रकृति जब क्रोधित होती है, तो हमें अपनी सीमाएं समझ में आती हैं। लेकिन हर अंधकार के बाद उजाले की एक किरण अवश्य निकलती है — और यही आशा, यही मानवता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है









