जालंधर ( एस के वर्मा ): जिले में पराली जलाने के रुझान पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन बहुआयामी नीति अपनाएगा, जिसमें फसल अवशेषों के समुचित प्रबंधन के लिए किसानों को मशीनरी उपलब्ध कराने के अलावा जागरूकता गतिविधियां भी शामिल है। मुख्य सचिव वी.के. जंजुआ की तरफ़ से राज्य में पराली को आग लगाने से रोकने के लिए विड़ियो कॉन्फ़्रेन्स में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने बैठक में भाग लेते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 4.30 लाख एकड़ क्षेत्र में धान की बिजाई की गई है और 12.50 लाख टन पराली पैदा होने की संभावना है, उचित पराली प्रबंधन के लिए जिले में जीरो ड्रिल, हैप्पी सीडर, आरएमबी हल, सुपरसीडर सहित करीब 4500 मशीनें उपलब्ध हैं और करीब 800 नई मशीनों की स्वीकृति भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि किसानों को फार्म मशीन एप के बारे में जानकारी दी जा रही है, जहां वे ब्लॉक स्तर पर मशीनरी की उपलब्धता की जांच कर सकते है।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने जागरूकता अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि पराली जलाने के दुष्परिणामों से किसानों को जागरूक करने के लिए गांवों में जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं।ग्रामीण स्तर पर कैंप लगाकर किसानों को पराली जलाने की जगह मशीनरी के माध्यम से खेत में बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, विशेषकर उन गांवों में जहां पिछले साल पराली जलाने के मामले ज्यादा सामने आए थे, वहां ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्कूली बच्चों को भी इस अभियान में शामिल कर अभियान को गति दी जाएगी और गांवों में जागरूकता वैन भी चलाई जाएंगी।उन्होंने कहा कि प्रशासन आग की घटनाओं की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर एसडीएम बलबीर राज सिंह, एसडीएम डा रणदीप सिंह हीर, मुख्य कृषि अधिकारी ड़ा जसवंत राय पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सियन सुखदेव सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद थे।