नववर्ष 2023 की शुरुआत विशेष योग-संयोग के साथ

by Sandeep Verma
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नववर्ष 2023 शुरू होने में महज कुछ दिन शेष है। रविवार से नए साल की शुरुआत होना कई मायनों में खास रहेगा। नए साल की शुरुआत विशेष योग-संयोग के साथ होगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शिव, रवि, आनंद, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ नए साल की शुरुआत रात 12 बजे अश्विनी नक्षत्र में होगी। ऐसे में शुभ योगों का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर अच्छा रहेगा। 7 साल बाद रविवार को नया साल शुरू होगा और साल का अंत भी रविवार को ही होगा। वहीं, पंडित जितेंद्र त्रिवेदी जाॅनी के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत आनंद योग में होगी। साथ ही अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनी कुमार और वार का अधिष्ठाता देवता सूर्य है, इससे हम कह सकते हैं कि वर्ष में आपदाएं बनी रहेंगी, लेकिन उसका निदान भरपूर मिलता रहेगा, जिससे जन हानि जैसी समस्या कम रहेगी। 2023 अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास वाला साल होगा। क्योंकि हिंदू नवसंवत्सर के हिसाब से आने वाला साल 13 महीने का होगा। जुलाई के बाद आने वाले सभी बड़े त्योहार 2022 की तुलना में 12 से 19 दिन की देरी से आएंगे। नववर्ष के पहले दिन रवि योग भी रहेगा। खरीदारी के लिए विशेष होगा। शास्त्रानुसार सूर्य सम्मान, पिता और तरक्की आदि के कारक ग्रह हैं। इन शुभ योग में सूर्य देव को जल अर्पित करने और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सालभर सम्मान, सभी राशि के जातकों को विशेष फलदायी और शुभ रहेगा।

यह रहेगा राशियों पर असर :

मेषः व्यापारिक स्थिति श्रेष्ठ, धन खर्च की अधिकता

वृषभ: शुरुआत में साधारण फल, आगामी दिनों में परिश्रम के अनुरूप लाभ

मिथुनः कर्मक्षेत्र में विस्तार के साथ ही मनोबल में वृद्धि प्रमोटेड कंटेंट

कर्क: शनि की ढैय्या रहने से 21 अप्रेल बाद श्रेष्ठ फल मिलेंगे

सिंहः परिश्रम, मेहनत का फल कम मिलेगा

कन्या : आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण के साथ भागदौड़ रहेगी

तुला: आलस्य, प्रमाद से शरीर में थकान महसूस होगी

वश्चिकः शनि की ढैय्या शारीरिक पीड़ा कारक रहेगी

धनुः पराक्रम वृद्धि के साथ ही यशकीर्ति का विस्तार

मकर: शनि की साढ़ेसाती आर्थिक संकट के साथ स्वास्थ्य में कमजोरी

कुंभः मध्यकालीन साढ़ेसाती ताम्रपाद होने से व्यापार में उन्नति के साथ लाभ मिलेंगे

मीनः प्रारंभिक साढ़ेसाती चांदी के पाये होने से आर्थिक को छोड़कर अन्य कार्यों में फलदायी
वाहन, प्रॉपर्टी, ज्वैलरी की खरीदारी चिर स्थायी
न्याय के देवता शनि और आध्यात्मिक ग्रह बृहस्पति राशि स्वराशि में रहेंगे, जो श्रेष्ठता दर्शा रहे हैं। इसके साथ ही उक्त योग-संयोगों में वाहन, प्रॉपर्टी, ज्वैलरी की खरीदारी करना चिर स्थायी रहेगा।

 

 

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