चंडीगढ़ ( व्यूरो ): पंजाब के अजनाला में पुलिस पर हमले के बाद शुक्रवार को डीजीपी गौरव यादव ने इस पूरे मामले में पत्रकारों से बात की। डीजीपी ने कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था और प्राथमिकी की सत्यता पर संदेह जताया था। उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना चाहते हैं।लोकतांत्रिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी गई थी। अमृतसर देहात के एसएसपी ने बताया कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि प्रदर्शनकारियों को जहां रोका जाएगा, वह रुकेंगे लेकिन उस दिन पुलिस पर हमला किया गया था। धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया और पथराव भी किया गया था। हमला श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और पालकी साहिब जी की आड़ में किया गया। पवित्र ग्रंथ की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने संयम बरता। हमले में छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।