संतों की वाणी ही ईश्वर की वाणी : नवजीत भारद्वाज

by Sandeep Verma
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जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी एवं नवदुर्गा जी का हवन-यज्ञ पूर्ण विधि-विधान से आयोजित किया गया।सर्व प्रथम ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तजनों से षोढषोपचार पूजन, पंचोपचार पूजन एवं नवग्रह पूजन उपरांत खेत्री रोपण एवं कलश स्थापित करवाया।मां बगलामुखी जी एवं मां नवदुर्गा जी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री जी के निमित्त हवन-यज्ञ उपरांत सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को नवरात्रों की शुभकामनाएं देते हुए संत-महापुरुषों के बारे में ब्याख्या करते हुए कहा कि वास्तविक संत और भगवान में कोई भेद नहीं होता और संत के माध्यम से भगवान ही सारा कर्म करते हैं। संत के माध्यम से भगवान ही बोलते हैं। इसलिए जब हम किसी महापुरुष की वाणी का श्रवण करते हैं तो वह हमारे अंत:करण पर काफी प्रभाव डालता है। ऐसा प्रभाव माया मोह में फंसे व्यक्तियों के कथन का नहीं पड़ता। इसलिए कहा जाता है कि संत-महापुरुषों के वचनों को बार-बार सुनना चाहिए। हमारे अंत:करण की प्रवृत्ति लगातार बदलती रहती है। पता नहीं किस क्षण संत की कौन सी बात हृदय को लग जाए और हम अपने कल्याण के लिए संकल्पित होकर जीवन भक्ति पथ की ओर मोड़ लें।नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि वास्तव में संतों की प्राप्ति अत्यंत दुर्लभ है। भगवान ही प्रेरणा देकर संत तक जीव को पहुंचाते हैं। इसलिए कभी भी संतों को पहचानने में हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए। यदि किसी के प्रति हमें संतत्व की आशा है तो उसका कुछ देर तक श्रद्धापूर्वक संग करना चाहिए। कभी भी परीक्षा लेने की नहीं सोचनी चाहिए। जब तक संत की प्राप्ति नहीं होती, तब तक भगवान से याचना करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जब हम संत के सान्निध्य में जाते हैं, तो उनकी दिव्यता का हम पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि हमारे हृदय में संसार के प्रति वैराग्य और भगवान के प्रति अनुराग, लगाव, प्रेम सहज उत्पन्न होने लगता है। संत का जीवन भगवानमय होता है। लेकिन एक बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि यह प्रभाव सब पर एक समान नहीं पड़ेगा। क्योंकि सबके हृदय की शुद्धि की मात्रा अलग-अलग होती है। जिसका अंत:करण जितना अधिक शुद्ध होता है, उस पर संत के सान्निध्य का असर उतना शीघ्र होता है। जिस व्यक्ति का अंत:करण पूरी तरह शुद्ध है, वह संत के दर्शन करके ही उनके शरणागत हो जाएगा। लेकिन अशुद्ध अंत:करण वाले देर से खीचेंगे।नवजीत भारद्वाज ने बताया कि मां बगलामुखी धाम में नवदुर्गा जी के निमित्त हवन-यज्ञ मंदिर परिसर में रोजाना सुबह 7 बजे से शुरू होंगे।*मां बगलामुखी धाम के सेवादारों द्वारा भगवान वाल्मीकि आश्रम शक्ति नगर में रविवार 6 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से आरंभ होगा नवजीत भारद्वाज ने सभी भक्तजन से इस हवन-यज्ञ में सम्मिलित होने का आवाहन किया।*इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,सरोज बाला, रुपम प्रभाकर,सुनीता, अंजू, गुरवीर, प्रिती ,मंजू, प्रिया, कमलजीत, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, विवेक अग्रवाल,अमरेंद्र कुमार शर्मा, नवदीप, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र,रोहित भाटिया, अरुण कुमार,अमरेंद्र सिंह,बावा खन्ना, विनोद , नवीन, प्रदीप, सुधीर, सुमीत, बावा हलचल ,जोगिंदर , मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , विक्की नाहर,विवेक शर्मा,अवतार सैनी, सन्नी,राज, मोहिंदर सिद्दू,परमजीत सिंह,ऐड राज कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ , नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , नितिश नाहर,प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, रोहंत , मोहि, विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, सुनील जग्गी, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक, प्रिंस कुमार सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।

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