महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. इस पर्व को शिव भक्त बहुत धूम-धाम से मनाते हैं. वहीं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन शिव रात्रि के दौरान शिव नवरात्रि मनाती है.उज्जैन का महाकाल मंदिर शिव जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है. शिवरात्रि के दौरन शिव जी यह नगरी एक अलग ही अंदाज में नजर आती है. उज्जैन का महाकाल मंदिर शिव जी के जयकारों से गूंज उठता है. साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. भक्त जन शिवजी के मंत्र,महाकाल सहस्रनाम एवं रुद्राभिषेक द्वारा करते हैं नौ दिवसीय अनुष्ठान। जानकारी पंडित पंकज जी जूना महाकाल उज्जैन द्वारा प्राप्त हुई दयाल वर्मा चेयरमैन रूद्र सेना संगठन, पंजाब , शोरी लाल कोछड ललित मित्तल भी उज्जैन में शिव नवरात्री उत्सव में भाग लेने पहुंचे शिवरात्रि से पूर्व नवरात्रि तक महाकाल के मंदिर में भगवान महाकाल यानि शिव जी के 9 दिन 9 अलग-अलग रूपों के दर्शन किए जा सकते हैं. यानि 29 को शिव नवरात्रि शुरू हो जाएगी. महाकाल के इन 9 रूपों को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. शिव नवरात्रि का समय बहुत खास होता है. जिसके आखिरी दिन शिवजी को दुल्हे के रूप में साजाया जाता है. शिवरात्रि का दिन होता है इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इन 9 दिनों को बहुत विशेष माना जाता है और मंगल गीत गाएं जाते हैं और पर्व मनाया जाता है. आइये जानते हैं कौन से होते हैं शिव जी के वो 9 रूप.
पहला दिन वस्त्र धारण : शिवरात्रि से पहले के 9 दिन विशेष हैं. शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है और जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जाती है.
दूसरा दिन शेषनाथ : दूसरे दिन बाबा महाकाल का शेषनाग रूप में श्रृंगार किया जाता है, इस दिन बाबा महाकाल भक्तों को शेषनाग रूप में दर्शन देंगे.
तीसरा दिन घटाटोप : तीसरे दिन बाबा महाकाल भक्तों को घटाटोप रूप में दर्शन देंगे.
चौथा दिन छबीना : चौथे दिन बाबा महाकाल का छबीना श्रृंगार किया जाता है, जो कि एक नवयुवक स्वरूप होता है. बाबा महाकाल का श्रृंगार एक राजकुमार की तरह किया जाता है.
पांचवां दिन होल्कर : शिव नवरात्रि के पांचवें दिन महाकाल बाबा को होलकर परंपराओं के अनुसार सजाया जाएगा.
छठा दिन मनमहेश : शिव नवरात्रि के छठवें दिन बाबा महाकाल को मनमहेश के रूप में सजाया जाएगा, इस रूप में भगवान शिव के रूप में महाकाल का श्रृंगार होगा.
सातवां दिन उमा महेश : सातवें दिन बाबा महाकाल माता पार्वती के साथ उमा-महेश के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं, इस दिन महाकाल बाबा और मां पार्वती दोनों का स्वरूप भक्तों को दिखता है.
आठवां दिन शिव तांडव : आठवें दिन बाबा महाकाल शिव तांडव के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं, इस स्वरूप में महाकाल का रौद्र रूप भक्तों को देखने को मिलता है.
नवें दिन निराकार : शिव नवरात्रि के आखिरी दिन में महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है. कई क्विंटल फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाता है.