

सीमा पार से नशे की तस्करी रोकने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘बाज आंख’ एंटी-ड्रोन प्रणाली (ए.डी.एस.) को हरी झंडी दिखाई, जिससे पंजाब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस प्रणाली को तैनात करने वाला देश का पहला राज्य बन गया.मीडिया से बातचीत करते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि इस पहल से नशे के खिलाफ मुहिम में एक और शानदार अध्याय जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की नशा तस्करों से मिलीभगत के कारण यह अभिशाप राज्य में फैल गया था. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ सरकार ने नशे के खिलाफ बड़ी जंग छेड़ी है और इस कारोबार में शामिल बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला गया है.उन्होंने कहा कि सीमा पार से पंजाब में नशे की सप्लाई की जा रही है और उन्हें रोकने के लिए यह एंटी-ड्रोन प्रणाली शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि पंजाब को इस लानत से मुक्त करने के लिए तीन एंटी-ड्रोन प्रणालियां शुरू की गई हैं और छह और जल्द शुरू की जाएंगी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू किया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 के बाद राज्य में नशे की जड़ें जानबूझकर राजनीतिक नेताओं के समर्थन से साजिश के तहत बोई गई थीं. हालांकि, उनकी सरकार ने इस खतरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए व्यवस्थित रणनीति अपनाई है और सबसे बड़े सौदागरों को सलाखों के पीछे डाला गया है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि जो लोग नशा तस्करों के साथ हाथ मिलाकर अपने सत्ता काल में उन्हें संरक्षण देते थे, वे आज सलाखों के पीछे हैं. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, डी.जी.पी. गौरव यादव और अन्य मौजूद थे.









